डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती आज सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाई जाएगी,सूरजपुर ऑडिटोरियम में दोपहर 1:30 बजे होगा मुख्य कार्यक्रम

सूरजपुर 13 अप्रैल 2025 ।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस वर्ष बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती को सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर राज्य के सभी जिलों, जनपदों और ग्राम पंचायतों में विविध जनकल्याणकारी और जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सभी जिलों के कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।इसी कड़ी में डॉ. अंबेडकर जयंती पर सूरजपुर जिले में प्रमुख आयोजन तिलसिवां स्थित ऑडिटोरियम में दोपहर 1:30 बजे आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सामाजिक समरसता को समर्पित विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस दरम्यान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा कार्यक्रम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे और जनता को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर जिले के वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि, विद्यार्थी और आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे।
समाज में समरसता और समानता के मूल्यों को आगे बढ़ाने का प्रयास
इस दिन का उद्देश्य डॉ. अंबेडकर के विचारों और उनके द्वारा स्थापित सामाजिक न्याय, समानता और समरसता के सिद्धांतों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है। कार्यक्रमों के माध्यम से आम नागरिकों में सामाजिक समरसता की भावना को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा।
संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन
सभी कार्यक्रमों की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक वाचन से की जाएगी, जिससे नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की स्मृति दिलाई जा सके। यह गतिविधि विशेष रूप से युवाओं और ग्रामीण जनों को लोकतांत्रिक मूल्यों से जोड़ने की दिशा में एक सशक्त पहल है।
पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्र का एमओयू
कार्यक्रम में ग्राम पंचायत स्तर पर अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्रों के संचालन हेतु सरपंचों और सीएससी-वीएलई सेवा प्रदाताओं के बीच एमओयू (सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुँच को और बेहतर किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पंचायत एंबेसडर की सक्रिय भागीदारी
योजना के तहत पंचायत एंबेसडर की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु उन्हें कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा। जहां यह पद खाली है, वहां नए उपयुक्त प्रतिनिधियों की नियुक्ति की जाएगी।
‘मोर दुवार, साय सरकार’ अभियान के तहत जानकारी का प्रसार
15 से 30 अप्रैल तक चलने वाले इस विशेष पखवाड़े में लाभार्थियों को उनकी पात्रता और योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। यह अभियान प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, पेयजल एवं जल संरक्षण योजनाओं आदि से संबंधित जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।
भूजल संरक्षण और जल बचाव पर जोर
कार्यक्रम के दौरान भूजल संरक्षण को लेकर जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें उपस्थित नागरिकों को जल बचाने का संकल्प दिलाया जाएगा। जल संकट की बढ़ती समस्या को देखते हुए यह एक जरूरी पहल मानी जा रही है।
डॉ. अंबेडकर के विचार आज भी प्रासंगिक
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन संघर्ष, शिक्षा और सामाजिक न्याय की प्रेरणा से भरा रहा है। वे भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता होने के साथ-साथ दलित, वंचित और शोषित वर्गों की आवाज बने। उनका मानना था कि सशक्त समाज की नींव समानता और शिक्षा पर टिकी होनी चाहिए।