नीट में बच्चों की उड़ान के लिए कलेक्टर ने बढ़ाया हौसला,छात्रों को दिए सफलता के मंत्र, बोले – “हर चुनौती के पार है एक सुनहरा भविष्य” परीक्षा केंद्रों का खुद किया निरीक्षण, बोले – “परीक्षार्थियों को मिले माहौल ऐसा, जैसा घर में होता है”
अम्बिकापुर 29 अप्रैल 2025 |हर साल लाखों छात्र नीट जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षा में भाग लेकर अपने सपनों को पंख देने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अगर प्रशासन खुद उनके साथ खड़ा हो, तो हौसले दो गुना हो जाते हैं। अम्बिकापुर में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब कलेक्टर श्री विलास भोसकर स्वयं एक नीट कोचिंग संस्थान पहुंचे और विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद किया।
कलेक्टर ने विद्यार्थियों से सीधे संवाद करते हुए उन्हें केवल परीक्षा ही नहीं, बल्कि जीवन के लिए तैयार रहने की सीख दी। उन्होंने कहा – “जीवन में लक्ष्य तय कर कठिन परिश्रम करें, सफलता देर से ही सही, पर निश्चित है। आत्मविश्वास और समर्पण से ही किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है।” उनके प्रेरणादायक शब्दों से छात्रों में नया जोश और उत्साह देखने को मिला।
कोचिंग संस्था के संचालकों ने भी इस अवसर पर कलेक्टर को वहां की पढ़ाई की गुणवत्ता, उपलब्ध संसाधनों, डिजिटल शिक्षण प्रणाली और छात्रों के प्रदर्शन के बारे में जानकारी दी। कलेक्टर ने शिक्षकों को भी प्रेरित करते हुए कहा कि वे बच्चों में न सिर्फ ज्ञान भरें, बल्कि उन्हें बेहतर इंसान भी बनाएं।
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नीट परीक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क, केंद्रों पर चौकसी के पुख्ता इंतजाम
कोचिंग संस्थान के निरीक्षण के बाद कलेक्टर ने नीट परीक्षा के मद्देनजर बनाए गए परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। 4 मई को आयोजित होने वाली इस राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के लिए जिले में कुल 11 परीक्षा केंद्र निर्धारित किए गए हैं, जिनमें 4426 परीक्षार्थी शामिल होंगे।कलेक्टर ने मल्टी पर्पज स्कूल, कन्या विद्यालय और नगर निगम पालिका स्कूल जैसे प्रमुख परीक्षा केंद्रों का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त बिजली आपूर्ति, स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त संख्या में टेबल-कुर्सियां, स्वच्छ शौचालय और गर्मी से बचाव के लिए छांव हेतु टेंट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी केंद्रों पर पर्यवेक्षकों की पर्याप्त तैनाती की जाए ताकि परीक्षा पारदर्शी, शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संपन्न हो सके। विशेष रूप से दिव्यांग या दूर-दराज से आने वाले छात्रों के लिए अलग से मददगार इंतजाम करने को भी कहा गया।
“परीक्षार्थियों को ऐसा वातावरण मिले कि वे बिना किसी तनाव के परीक्षा दे सकें।”
कलेक्टर ने इस भावना को दोहराते हुए कहा कि छात्रों का आत्मबल बढ़ाना ही प्रशासन का दायित्व है।निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी श्री ए.के. सिन्हा, एपीओ श्री शिवशंकर पांडेय, शिक्षा विभाग एवं नगरीय प्रशासन के अधिकारी, केंद्र अधीक्षक और अन्य स्टाफ भी उपस्थित रहे।
प्रशासनिक संवेदनशीलता और छात्रों का आत्मविश्वास – साथ मिलकर बनेगा बेहतर भविष्य
कलेक्टर श्री भोसकर की यह पहल इस बात का संकेत है कि प्रशासन अब केवल व्यवस्थाएं नहीं देखता, बल्कि वह परीक्षार्थियों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति को भी समझता है। ऐसे संवाद न सिर्फ छात्रों का मनोबल बढ़ाते हैं, बल्कि एक जिम्मेदार और सहायक प्रशासन की तस्वीर भी पेश करते हैं।