सूरजपुर बालिका हत्या कांड: चौकीदार की क्रूरता उजागर, टांगी से हत्या, साक्ष्य छुपाने को शव निर्वस्त्र कर बांध में फेंकी साइकिल

सूरजपुर बालिका हत्या कांड: चौकीदार की क्रूरता उजागर, टांगी से हत्या, साक्ष्य छुपाने को शव निर्वस्त्र कर बांध में फेंकी साइकिल

सूरजपुर, 07 मई 2025 । जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया। रामानुजनगर थाना क्षेत्र के बांसबाड़ी में 26 अप्रैल 2025 को एक नाबालिग बालिका का शव संदिग्ध हालत में मिलने से सनसनी फैल गई थी। सूरजपुर पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्यों और गहन जांच के दम पर इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया। हत्या का आरोपी कोई और नहीं, बल्कि गांव का चौकीदार शिवराम (60 वर्ष) निकला, जिसने गलत नियत से बालिका को रोका, विरोध करने पर टांगी से निर्मम हत्या कर दी और साक्ष्य छुपाने के लिए शव को निर्वस्त्र कर दूसरी जगह फेंक दिया। 

संदिग्ध शव ने मचाया हड़कंप  

बीते 26 अप्रैल 2025 की सुबह बांसबाड़ी में एक नाबालिग बालिका का शव मिलने की सूचना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी। रामानुजनगर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। घटनास्थल पर शव की हालत देखकर हत्या की आशंका गहरा गई। पुलिस ने तुरंत एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) और डॉग स्क्वॉड की टीम को बुलाया। विशेषज्ञों ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया। शव के पास मिले निशान और हालत ने जांच को और गंभीर बना दिया। शव को पंचनामा के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 103 बीएनएस (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। 

डीआईजी-एसएसपी की सख्ती, साइबर सेल की तत्परता

 

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर, आईपीएस प्रशांत कुमार ठाकुर ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने रामानुजनगर पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित कर आरोपी की तलाश तेज करने का आदेश दिया। एसएसपी स्वयं मामले की मॉनिटरिंग करते रहे, जिससे जांच में कोई कोताही न बरती जाए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो और एसडीओपी प्रेमनगर नरेंद्र सिंह पुजारी ने भी जांच को दिशा प्रदान की। 

चौकीदार की गतिविधियों व डीएनए ने खोला राज

  

पुलिस ने जांच के दौरान मृतिका के परिजनों, ग्रामीणों और आसपास के लोगों से गहन पूछताछ शुरू की। पूछताछ में बांसबाड़ी के चौकीदार शिवराम का नाम सामने आया। ग्रामीणों ने उसके व्यवहार और घटना के दिन उसकी मौजूदगी पर संदेह जताया। पुलिस ने शिवराम को तलब कर सख्ती से पूछताछ की, लेकिन वह बार-बार गुमराह करने की कोशिश करता रहा। उसकी गतिविधियों पर संदेह गहराने पर पुलिस ने एफएसएल की मदद ली। 

शिवराम के कपड़े (टी-शर्ट) और उसकी टांगी की जांच की गई। जांच में टांगी और टी-शर्ट पर रक्त के निशान मिले। इन नमूनों को डीएनए विश्लेषण के लिए रायपुर एफएसएल भेजा गया। डीएनए रिपोर्ट ने सनसनीखेज खुलासा किया। टांगी और टी-शर्ट पर मिला रक्त मृतिका के रक्त समूह से मेल खाता था। यह साक्ष्य शिवराम के खिलाफ निर्णायक सबूत बन गया। 

आरोपी का कबूलनामा...

डीएनए रिपोर्ट और वैज्ञानिक साक्ष्यों के दबाव में शिवराम टूट गया और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि 25 अप्रैल 2025 की सुबह वह बांसबाड़ी में चौकीदारी के लिए गया था। वहां उसने साइकिल से जा रही नाबालिग बालिका को देखा और गलत नियत से उसे रोक लिया। बालिका ने इसका विरोध किया और गांव वालों को बताने की धमकी दी। अपनी करतूत उजागर होने के डर से शिवराम ने पास रखी टांगी से बालिका पर ताबड़तोड़ वार कर उसकी हत्या कर दी। 

साक्ष्य छुपाने की घिनौनी साजिश...

  

हत्या के बाद शिवराम ने साक्ष्य मिटाने की साजिश रची। उसने बालिका के शव को पहले एक गड्ढे में छिपाया, लेकिन पकड़े जाने के डर से उसे निकालकर कुछ दूरी पर फेंक दिया। पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए उसने शव को निर्वस्त्र कर दिया। मृतिका की साइकिल और टिफिन को उसने साल्ही बांध में फेंक दिया। इसके बाद वह अपने खून से सने कपड़े धोकर नहा-धोकर घर लौट गया। उसकी यह साजिश पुलिस की सतर्कता और वैज्ञानिक जांच के सामने बेनकाब हो गई। पुलिस ने साक्ष्य छुपाने के लिए धारा 238 बीएनएस जोड़कर शिवराम को गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस की मुस्तैदी, ग्रामीणों में राहत  

इस जघन्य हत्याकांड के खुलासे के बाद बांसबाड़ी और आसपास के गांवों में राहत की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने पुलिस की त्वरित और वैज्ञानिक जांच की सराहना की। इस ऑपरेशन में थाना प्रभारी रामानुजनगर राजेंद्र साहू, साइबर सेल प्रभारी राकेश यादव, एएसआई मनोज पोर्ते, प्रधान आरक्षक निमेश शर्मा, आरक्षक दीपक यादव, रौशन सिंह, युवराज यादव, विनोद सारथी, रूपदेव सिंह, सैनिक देवचंद पांडेय, रजनीश पटेल और सम्मत सिंह की टीम ने दिन-रात मेहनत कर आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाया। 

एसएसपी का संदेश: अपराधियों को नहीं बख्शेंगे  

एसएसपी आईपीएस श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने कहा कि सूरजपुर पुलिस अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। इस मामले में वैज्ञानिक साक्ष्यों, डीएनए विश्लेषण और पुलिस की तत्परता से आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। 

सामाजिक चेतना की जरूरत 

यह घटना समाज में बढ़ती असुरक्षा और महिलाओं-बालिकाओं के प्रति अपराधों की गंभीरता को उजागर करती है। एक चौकीदार, जिस पर गांव की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वही हैवान बन गया। इस मामले ने न केवल पुलिस की कार्यकुशलता को सामने लाया, बल्कि सामाजिक जागरूकता और कठोर कानूनी कार्रवाई की जरूरत को भी रेखांकित किया। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक निगरानी और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। बहरहाल सूरजपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने न्याय की उम्मीद जगाई है, लेकिन समाज को ऐसी क्रूर मानसिकता के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।