झारखंड से दबोचा गया अंतर्राज्यीय मवेशी तस्कर जाहिद अली, बलरामपुर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से मवेशी तस्करों में मचा हड़कंप
बलरामपुर 12 अप्रैल 2025 । जिले की पुलिस एक्टिव मोड में डटी हुई है,इसी कड़ी में लंबे अरसे से फरार अंतर्राज्यीय मवेशी तस्कर को झारखंड से गिरफ्तार करने के साथ ही पेट्रोलिंग को देखकर
सड़क पर मवेशी छोड़कर वाहन लेकर फरार होने के मामले में दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है। बहरहाल पुलिस टीम की सक्रियता से मवेशी तस्करों के बीच हड़कंप जरूर मच गया है। उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी अनुसार शंकरगढ़ पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। लंबे समय से फरार चल रहे अंतरराज्यीय मवेशी तस्कर जाहिद अली को झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ दिसंबर 2024 में मवेशियों की तस्करी का मामला दर्ज हुआ था।
कैसे खुला मामला:
19 दिसंबर 2024 को शंकरगढ़ पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक पिकअप वाहन में मवेशियों को क्रूरता से भरकर झारखंड ले जाया जा रहा है। पुलिस की पेट्रोलिंग टीम ने ग्राम जमड़ी के पास वाहन को रोकने की कोशिश की, लेकिन चालक ने वाहन तेज कर दिया।अंधेरे और कोहरे का फायदा उठाकर आरोपी वाहन को चिरई घाट के पास छोड़कर फरार हो गया। जब पुलिस ने वाहन की जांच की, तो उसमें 4 बैल, 3 गाय और 3 बछियों को बेहद अमानवीय तरीके से ठूंसा हुआ पाया गया।वाहन के पंजीयन से आरोपी की पहचान जाहिद अली (पिता जहुर अली, उम्र 31 वर्ष, निवासी महुआडांड, झारखंड) के रूप में हुई। उसके खिलाफ अपराध क्रमांक 201/2024 के तहत छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 6, 10 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(1)(घ) में मामला दर्ज किया गया था।पुलिस लगातार आरोपी की तलाश में जुटी रही और हाल ही में सूचना मिली कि वह महुआडांड में छिपा हुआ है। इसके बाद विशेष टीम को रवाना किया गया, जिसने उसे महुआडांड बस स्टैंड से दबोच लिया। आरोपी को न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है।
दूसरे मामले में त्रिकुण्डा पुलिस ने दो मवेशी तस्करों को दबोचा, 6 बैल बरामद
बलरामपुर जिले में मवेशी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं रही। त्रिकुण्डा थाना पुलिस ने भी दो मवेशी तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 6 बैल बरामद किए हैं। उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम महुली निवासी रामदेव यादव अपने दामाद के साथ सुबह 5 बजे जंगल की ओर लकड़ी लेने जा रहे थे, तभी उन्होंने खलिहान के पास 6 बैलों को खड़े देखा। एक बैल के मुंह और पैर रस्सियों से बंधे हुए थे। उन्होंने तुरंत बैलों को मुक्त किया और पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पिकअप वाहन के टायर के निशान भी मिले, जिससे अंदेशा हुआ कि बैल वाहन में लाए गए थे और फिर डर के कारण सड़क पर छोड़ दिए गए।कुछ देर बाद दो युवक मोटरसाइकिल से पहुंचे और खुद को मवेशियों का मालिक बताते हुए कहा कि वे बैल बूचड़खाने ले जा रहे थे। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम साहेब अली (ग्राम सूरता, थाना रामानुजनगर, जिला सूरजपुर) और मुबारक अली (ग्राम रेवतीपुर, थाना रामचन्द्रपुर, जिला बलरामपुर) बताए।पुलिस ने तत्काल दोनों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की। उन्होंने कबूल किया कि बैलों को सूरजपुर जिले के विभिन्न गांवों से खरीदा गया था और उन्हें अवैध रूप से बूचड़खाने ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ता भटकने और पुलिस की गश्त देखकर वे डर गए और बैलों को वहीं छोड़कर वाहन सहित भाग निकले।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ अपराध क्रमांक 17/2025 के तहत पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(1)(घ)(ड) और छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 6, 10 में मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया।
पुलिस व स्थानीय रहवासियों की सतर्कता बनी मुसीबत मवेशी तस्करों के लिए
बलरामपुर जिले की पुलिस लगातार मवेशी तस्करों के खिलाफ एक्शन मोड में है। बीते कुछ महीनों में कई बार मवेशियों से भरे वाहन पकड़े गए हैं, कई तस्कर जेल पहुंच चुके हैं और अब उनकी पकड़ झारखंड जैसे दूर-दराज के जिलों तक जा पहुंची है। बहरहाल पुलिस की कार्यशैली स्पष्ट रूप से बयां कर रही है कि
मवेशियों की अवैध तस्करी पर लगाम लगाने के लिए जिले की सीमाओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। गश्त बढ़ाई गई है और मुखबिर तंत्र को भी मजबूत किया गया है। इसके साथ ही इस तरह की कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि मवेशियों की तस्करी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की सजगता और तेजी से कार्रवाई करने की नीति से समाज में सकारात्मक संदेश गया है। ग्रामीणों द्वारा जागरूकता दिखाकर पुलिस को सूचना देना भी इस लड़ाई को मजबूत बना रहा है।