दो घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी जहर देकर मारने की तैयारी, 3 महीने तक अश्व प्रजाति के आवागमन पर रोक

दो घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी जहर देकर मारने की तैयारी, 3 महीने तक अश्व प्रजाति के आवागमन पर रोक

अम्बिकापुर। सरगुजा जिले में घोड़ों, गधों और खच्चरों में फैलने वाली खतरनाक संक्रामक बीमारी ग्लैंडर्स ने दस्तक दी है। शादी-विवाह में इस्तेमाल होने वाले दो घोड़ों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार में पांचवीं बार भेजे गए दोनों घोड़ों के ब्लड सैंपल पॉजिटिव आए हैं। प्रोटोकॉल के तहत इन घोड़ों को जहर देकर मारने की तैयारी है। साथ ही, अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में अगले तीन महीने तक अश्व प्रजाति के पशुओं के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

पांचवीं जांच में पुष्टि, 

जानकारी के अनुसार, एक घोड़े में ग्लैंडर्स के लक्षण दिखने के बाद उसके और साथ रखे गए दूसरे घोड़े के ब्लड सैंपल जांच के लिए हिसार भेजे गए थे। चार बार की जांच में एक घोड़े की रिपोर्ट पॉजिटिव और दूसरे की निगेटिव आई थी। लेकिन पांचवीं जांच में दोनों घोड़ों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए। नियमानुसार, ग्लैंडर्स की पुष्टि के लिए दोनों सैंपल का पॉजिटिव होना जरूरी है। अब कलेक्टर से अनुमति लेकर दोनों घोड़ों को अब मारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रोटोकॉल के तहत पहले घोड़ों को एनेस्थीसिया दिया जाएगा, फिर जहर देकर मारा जाएगा और बाद में उन्हें दफन किया जाएगा। घोड़ों के मालिक को शासन की ओर से आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।

संक्रमण का खतरा, पहले एक घोड़े की मौत  

सरगुजा जिले में कुल 28 घोड़े हैं। संदिग्ध संक्रमित घोड़े को अंबिकापुर शहर में दो अन्य घोड़ों के साथ रखा गया था। इनमें से एक घोड़े की पहले ही मौत हो चुकी है। ग्लैंडर्स एक अत्यंत संक्रामक बीमारी है, जो अश्व प्रजाति के पशुओं में तेजी से फैल सकती है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं।

पठारी क्षेत्रों में घोड़ों का महत्व  

सरगुजा संभाग के पठारी क्षेत्रों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में आज भी घोड़े पाले जाते हैं। इनका उपयोग सामान ढोने और व्यक्तिगत आवागमन के लिए होता है। खासकर मैनपाट जैसे पर्यटन स्थलों पर घोड़े सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। इस बीमारी के प्रकोप से स्थानीय लोगों और पर्यटन पर भी असर पड़ सकता है।

प्रशासन की सख्ती, मालिकों को सहायता

 ग्लैंडर्स के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन ने अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र में अश्व प्रजाति के पशुओं के आवागमन पर तीन महीने की रोक लगा दी है। शासन के आदेशानुसार, इस दौरान किसी भी घोड़े, गधे या खच्चर को क्षेत्र में लाने या ले जाने की अनुमति नहीं होगी। प्रभावित घोड़ों के मालिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान भी किया गया है, ताकि उन्हें नुकसान की भरपाई हो सके।