साइबर क्राइम और वित्तीय साक्षरता पर जिला पंचायत में कार्यशाला: ग्रामीणों को डिजिटल सुरक्षा का पाठ
सूरजपुर, 05 मई 2025। जिला पंचायत सूरजपुर के सभागार में साइबर क्राइम और वित्तीय साक्षरता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसने ग्रामीण समुदाय को डिजिटल दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए जागरूक और सशक्त करने का काम किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीणों को साइबर अपराधों से बचाव, डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा और वित्तीय जागरूकता के प्रति शिक्षित करना था। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला एनआरएलएम टीम, माइक्रोसेव कंसल्टिंग लिमिटेड, नीति आयोग के डेवलपमेंट पार्टनर, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक और साइबर सेल के विशेषज्ञों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यशाला में राज्य वित्तीय समावेशन समन्वयक खगेन्द्र कुमार और साइबर सेल के विनोद सारथी ने प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। कुलमिलाकर इस कार्यशाला ने सूरजपुर के ग्रामीण समुदाय में साइबर सुरक्षा और वित्तीय साक्षरता के प्रति एक नई जागरूकता पैदा की। डिजिटल भारत के इस दौर में ऐसी पहल न केवल समय की मांग है, बल्कि ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
साइबर ठगी के तौर-तरीकों का खुलासा
विनोद सारथी ने साइबर अपराध के नए-नए तरीकों जैसे फर्जी ओटीपी, फिशिंग लिंक, मोबाइल एप्लिकेशन और कॉलिंग फ्रॉड के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, "अंजान लिंक पर क्लिक करने, पासवर्ड साझा करने या फर्जी बैंक प्रतिनिधियों को जानकारी देने से बचें। यह छोटी-छोटी सावधानियां आपको बड़ी ठगी से बचा सकती हैं।" उन्होंने सुरक्षित डिजिटल लेनदेन के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) और मजबूत पासवर्ड के उपयोग पर भी जोर दिया।
डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा जरूरी: खगेन्द्र कुमार
खगेन्द्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा, "आज साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी विषय नहीं, बल्कि एक अनिवार्य जीवन-कौशल है। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ साइबर ठगी के मामले भी बढ़ रहे हैं। जागरूकता ही इससे बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।" उन्होंने इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की सेवाओं के बारे में भी बताया और ग्रामीणों को सुरक्षित बैंकिंग के लिए प्रोत्साहित किया।
इंटरैक्टिव सत्र ने बढ़ाया उत्साह
कार्यशाला का अंतिम सत्र बेहद इंटरैक्टिव रहा, जहां प्रतिभागियों ने अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया। एनआरएलएम के पीआरपी और डाक सेवकों ने सीखे गए बिंदुओं पर प्रस्तुतीकरण देकर अपनी समझ का प्रदर्शन किया। यह सत्र न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि प्रतिभागियों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाने वाला साबित हुआ।
ग्रामीण स्तर तक पहुंचेगा प्रशिक्षण
कार्यशाला में प्रशिक्षित पीआरपी अब जनपद पंचायत स्तर पर इस ज्ञान को ग्रामीण समुदाय तक पहुंचाएंगे। जिला पंचायत ने भविष्य में भी ऐसी कार्यशालाओं को नियमित रूप से आयोजित करने का संकल्प लिया, ताकि डिजिटल युग में ग्रामीण समुदाय न केवल सशक्त बने, बल्कि सुरक्षित भी रहे।