सुशासन तिहार 2025: करजी और कुसु में समाधान शिविर, हितग्राहियों के चेहरों पर लौटी मुस्कान
अंबिकापुर, 10 मई 2025। सुशासन को हर घर तक पहुंचाने की मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की दूरदर्शी पहल ‘सुशासन तिहार 2025’ अपने तीसरे चरण में जन-जन की उम्मीदों का केंद्र बन चुकी है। अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम करजी और लखनपुर विकासखंड के ग्राम कुसु में आयोजित भव्य समाधान शिविरों ने न केवल हजारों समस्याओं का समाधान किया, बल्कि ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी की नई लकीरें भी खींच दीं। इन शिविरों में जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों के बीच संवाद ने सुशासन की मिसाल पेश की।
करजी और कुसु में समाधान की गूंज
करजी क्लस्टर के शिविर में 20 ग्राम पंचायतों और कुसु क्लस्टर में 12 ग्राम पंचायतों के हजारों ग्रामीण शामिल हुए। करजी में कुल 61,150 आवेदनों में से 6,043 का तत्काल निराकरण किया गया, जबकि कुसु में 4,231 आवेदनों में से 4,183 मामलों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान हुआ। हितग्राहियों ने अपने मसलों के निराकरण पर संतुष्टि जताते हुए ‘सुशासन की घंटी’ बजाकर खुशी का इजहार किया। शिविरों में राशन कार्ड सुधार, वृद्धावस्था पेंशन, वन अधिकार पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, ऋण पुस्तिका जैसी योजनाओं के तहत पात्र हितग्राहियों को प्रमाण पत्र और सामग्री वितरित की गई। इसके अलावा, सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देने के लिए गोदभराई और अन्नप्राशन जैसे आयोजन भी हुए, जिन्होंने शिविरों को उत्सव का रंग दिया।
जगनाथ और सुमन की कहानी: सुशासन की नई रोशनी
सुशासन तिहार ने ग्रामीणों की जिंदगी में बदलाव की नई किरण जलाई है। लखनपुर विकासखंड के ग्राम रेम्हला निवासी कृषक जगनाथ की कहानी इसका जीवंत उदाहरण है। वर्षों से वन भूमि पर खेती करने के बावजूद वन अधिकार पत्र के अभाव में वे शासकीय योजनाओं जैसे खाद, बीज और वित्तीय सहायता से वंचित थे। सुशासन तिहार के पहले चरण में आवेदन देने के बाद, जिला प्रशासन ने उनकी मांग को गंभीरता से लिया और महज एक महीने में वन अधिकार पत्र जारी कर दिया। कुसु शिविर में जब जगनाथ को यह पत्र सौंपा गया, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। उन्होंने कहा, “सुशासन तिहार ने मेरे परिवार की तकदीर बदल दी। अब मैं शासन की योजनाओं का लाभ लेकर अपनी खेती और जीवन को बेहतर बना सकूंगा।”
इसी तरह, कुसु के सुमन दास के लिए भी यह अभियान वरदान साबित हुआ। पहले उनके राशन कार्ड पर केवल 10 किलो राशन मिलता था, जिससे परिवार का गुजारा मुश्किल था। सुशासन तिहार में आवेदन के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और उनके राशन कार्ड का पुनरीक्षण कर 35 किलो राशन का प्रावधान सुनिश्चित किया। सुमन ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा, “यह अभियान हम जैसे गरीबों के लिए उम्मीद की किरण है। अब मेरे परिवार को पर्याप्त राशन मिलेगा, जिससे हमारी जिंदगी आसान होगी।”
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का संकल्प
करजी शिविर में विधायक श्री प्रबोध मिंज ने सुशासन तिहार को पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह शिविर भ्रष्टाचार, कार्यालयों के चक्कर और देरी जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म करने का सशक्त माध्यम है।” अंबिकापुर विधायक श्री राजेश अग्रवाल ने कहा, “प्रशासन अब गांव-गांव और घर-घर पहुंचकर समाधान कर रहा है। पहले चरण में आवेदन, दूसरे में निराकरण और तीसरे चरण में प्रमाण पत्र वितरण की यह व्यवस्था जनता को त्वरित राहत दे रही है।” उन्होंने सभी विभागों से छोटे स्तर पर भी ऐसे शिविर आयोजित करने का आग्रह किया।कुसु शिविर में जनपद अध्यक्ष श्रीमती शशिकला सिंह पैकरा, उपाध्यक्ष श्री कामेश्वर रजवाड़े, सरपंच श्रीमती कौशल्या बाई, एसडीएम श्री बनसिंह नेताम, तहसीलदार श्रीमती अकिंता पटेल, जनपद सीईओ श्री वेद प्रकाश पांडेय सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।
सुशासन तिहार: गांव-गांव में खुशहाली का पैगाम
शिविरों में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती दिव्या भारत सिंह सिसौदिया, श्रीमती पायल विश्वविजय सिंह तोमर, अनिमा केरकेट्टा, अंबिकापुर जनपद उपाध्यक्ष सतीश यादव, अपर कलेक्टर श्री सुनील नायक, तहसीलदार, जनपद सीईओ श्री राजेश सेंगर सहित अनेक अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान को और प्रभावी बनाया। सुशासन तिहार न केवल समस्याओं के समाधान का मंच बन रहा है, बल्कि शासकीय योजनाओं को पारदर्शी और त्वरित तरीके से जरूरतमंदों तक पहुंचाने का जरिया भी बन गया है। यह अभियान गांव-गांव में खुशहाली का नया दौर शुरू कर रहा है, जो छत्तीसगढ़ को सुशासन के नए युग में ले जा रहा है।