साइबर ठगी से बचाव के लिए सरगुजा पुलिस की अनूठी पहल: POLICE कीवर्ड के साथ जागरूकता अभियान

साइबर ठगी से बचाव के लिए सरगुजा पुलिस की अनूठी पहल: POLICE कीवर्ड के साथ जागरूकता अभियान

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आईपीएस राजेश कुमार अग्रवाल की अपील- सतर्कता और जागरूकता है साइबर अपराध से रक्षा की कुंजी

अम्बिकापुर। तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और आम नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए सरगुजा पुलिस ने एक अनूठा जागरूकता अभियान शुरू किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सरगुजा, आईपीएस श्री राजेश कुमार अग्रवाल के दिशा-निर्देशन में साइबर सेल के माध्यम से जनता को साइबर ठगी और अपराधों से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान के तहत, श्री अग्रवाल ने POLICE कीवर्ड के जरिए नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति सचेत रहने की अपील की है, जिसमें पासवर्ड, ओटीपी, लिंक, आइडेंटिफिकेशन, केयरफुल और इमरजेंसी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया गया है

साइबर अपराधों से बचाव के लिए POLICE कीवर्ड

एसएसपी आईपीएस राजेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को झांसा देकर ठगी कर रहे हैं। थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता नागरिकों को इन अपराधों से बचा सकती है। उन्होंने POLICE कीवर्ड के माध्यम से साइबर सुरक्षा के लिए जरूरी सुझाव साझा किए:  

P (पासवर्ड): पासवर्ड आपकी डिजिटल दुनिया की पहली सुरक्षा कवच है। इसे मजबूत और गोपनीय रखें। अपने ईमेल, सोशल मीडिया या बैंकिंग ऐप्स के पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें।  

O (ओटीपी):वन-टाइम पासवर्ड (OTP) आपकी सुरक्षा का मजबूत हथियार है। इसे किसी के साथ साझा न करें, चाहे कॉल करने वाला खुद को बैंक कर्मचारी, पुलिस या रिश्तेदार ही क्यों न बताए। कोई भी वैध संस्था फोन या ईमेल पर OTP नहीं मांगती।  

L (लिंक): अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। ठग अक्सर फर्जी वेबसाइट्स के जरिए आपकी निजी जानकारी चुराते हैं। किसी भी संदिग्ध लिंक को खोलने से पहले उसकी प्रामाणिकता जांचें।  

I (आइडेंटिफिकेशन): अनधिकृत पहुंच को रोकने के लिए सही प्रमाणीकरण जरूरी है। अपने डिजिटल खातों की सुरक्षा के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) का उपयोग करें।  

C (केयरफुल): सतर्कता ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। अपनी निजी जानकारी, जैसे बैंक खाता, पासबुक, एटीएम कार्ड या परिचय पत्र, किसी के साथ साझा न करें। सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी सावधानी से डालें और लालच में आकर साइबर अपराध का हिस्सा न बनें।  

E (इमरजेंसी): साइबर ठगी या बैंकिंग फ्रॉड होने पर तुरंत टोल-फ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें। साथ ही, नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल से संपर्क करें। त्वरित शिकायत से ठगी गई राशि को वापस पाने में मदद मिल सकती है।  

नागरिकों को सतर्क रहने की अपील  

एसएसपी राजेश कुमार अग्रवाल ने नागरिकों से अपील की कि वे साइबर ठगों के झांसे में न आएं। उन्होंने कहा, "साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है। हम समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं।" 

त्वरित कार्रवाई से मिली सफलता 

एसएसपी ने बताया कि कई मामलों में त्वरित शिकायत के कारण पुलिस ने पीड़ितों को राहत प्रदान की है। साइबर सेल और बैंक के समन्वय से ठगी गई राशि को फ्रीज कर पीड़ितों को वापस दिलाने में सफलता मिली है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।  

सुरक्षित डिजिटल भविष्य की ओर कदम 

एसएसपी आईपीएस राजेश कुमार अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए तकनीकी सशक्तिकरण के साथ-साथ जन जागरूकता जरूरी है। सरगुजा पुलिस का यह अभियान न केवल नागरिकों को साइबर ठगी से बचाने में मदद करेगा, बल्कि एक सुरक्षित डिजिटल भविष्य की नींव भी रखेगा।