कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का दिखा सादगीभरा अंदाज, विवाह समारोह में ज़मीन पर बैठकर सिलीं दोना-पत्तल
नवविवाहित जोड़ों को दीं शुभकामनाएं, आमजन के बीच बैठकर निभाया अपनापन
सूरजपुर 20 अप्रैल 2025।छत्तीसगढ़ सरकार की महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री व भटगांव विधायक श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का रविवार को एक अलग ही रूप देखने को मिला। जहां एक ओर वे लगातार सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने में जुटी हुई हैं, वहीं दूसरी ओर अपने सादगीपूर्ण व्यवहार और मानवीय संवेदना के चलते उन्होंने आमजन का दिल जीत लिया।
रविवार को मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े जिले के विभिन्न ग्रामों के विवाह समारोहों में शामिल हुईं। इन कार्यक्रमों में उन्होंने नवविवाहित वर-वधु को आशीर्वाद दिया और उनके सुखद वैवाहिक जीवन की कामना की। लेकिन सबसे विशेष क्षण तब देखने को मिला जब वे राजकिशोरनगर स्थित श्री बिसाहू राजवाड़े के निवास पर आयोजित विवाह समारोह में पहुँचीं।
यहाँ न केवल उन्होंने नवदम्पति को बधाइयाँ दीं, बल्कि पारिवारिक सदस्यों की तरह ज़मीन पर बैठकर महिलाओं के साथ दोना-पत्तल सिलने में भी हाथ बंटाया। मंत्री जी का यह सरल और आत्मीय व्यवहार देखकर समारोह में उपस्थित लोग अभिभूत हो उठे। सभी ने खुले दिल से उनका स्वागत किया और उनके साथ सहज बातचीत भी की।इन दृश्यों को देखकर यह जरूर कहा जा सकता है कि “जब सादगी नेतृत्व बन जाए, तब विकास और विश्वास दोनों सुनिश्चित होते हैं।” मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का यह रूप न केवल उनके व्यक्तित्व की गहराई को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जनसेवा की असली पहचान सत्ता में नहीं, सेवा में होती है।
'नेता नहीं, अपने जैसे लगते हैं'
मंत्री श्रीमती राजवाड़े को ज़मीन पर बैठा देखकर एक बुजुर्ग महिला ने कहा, "आज के समय में जहां लोग पद और प्रतिष्ठा दिखाते हैं, वहाँ हमारी मंत्री जी बिल्कुल अपने जैसी लगती हैं।" समारोह में उपस्थित युवाओं ने भी कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधि समाज के लिए प्रेरणा हैं।
सामाजिक सरोकारों से गहरी जुड़ाव
मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने समारोह के दौरान कहा, “विवाह सिर्फ दो लोगों का नहीं, दो परिवारों और संस्कृतियों का मिलन होता है। मैं यहाँ एक मंत्री के रूप में नहीं, परिवार के सदस्य के रूप में आई हूँ।”
उन्होंने यह भी बताया कि वे हमेशा कोशिश करती हैं कि हर वर्ग के साथ आत्मीयता और अपनापन बना रहे, ताकि सरकार और समाज के बीच की दूरी कम हो।
छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी परंपराओं के अनुसार स्वागत हुआ, और पारंपरिक भोजन परोसा गया। मंत्री जी ने भी पंगत में बैठकर भोजन ग्रहण किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वे वास्तव में “जनता की मंत्री” हैं।
जनता के बीच बैठकर बनाया संबंध
उनका यह व्यवहार एक बार फिर साबित करता है कि जनप्रतिनिधि जब ज़मीन से जुड़ा होता है, तो वह केवल योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं करता बल्कि समाज में विश्वास और आत्मीयता का सेतु भी बनाता है।