गंगा दशहरा पर सूरजपुर में भव्य आयोजन: दुलही तालाब में माँ गंगा पूजन व महाआरती, आटे के दीयों से जगमगाएगा तट

गंगा दशहरा पर सूरजपुर में भव्य आयोजन: दुलही तालाब में माँ गंगा पूजन व महाआरती, आटे के दीयों से जगमगाएगा तट

सूरजपुर। मोक्षदायिनी माँ गंगा के पृथ्वी पर अवतरण दिवस गंगा दशहरा के पावन पर्व पर आज यानी 5 जून को सूरजपुर के पँचमंदिर स्थित दुलही तालाब में भव्य भजन संध्या, माँ गंगा पूजन और महाआरती का आयोजन होगा। सरोवर धरोहर सुरक्षा समिति, नगर पालिका और जनसहयोग से पिछले चार वर्षों से आयोजित इस कार्यक्रम के लिए तालाब परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी से दुल्हन की तरह सजाया गया है। साथ ही, बड़खापारा के छठ तालाब में भी परंपरागत भव्यता के साथ गंगा दशहरा मनाने की तैयारियाँ पूरी की गई हैं।

आटे के दीयों से पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता 

आयोजन में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। दुलही तालाब, जो अपनी रंग-बिरंगी मछलियों के लिए प्रसिद्ध है, में आटे से बने दीयों को जलाने का निर्णय लिया गया है। ये दीये आयोजन के बाद मछलियों के भोजन का काम करेंगे, जिससे तालाब की स्वच्छता बनी रहेगी। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे घर से आटे के दीये बनाकर लाएँ। 

धार्मिक उत्साह के साथ भजन और आरती 

शाम 5 बजे से दुलही तालाब पर भजन संध्या शुरू होगी, जिसमें पंडित राजेश दुबे (बबलू महाराज) और उनकी टीम मंत्रोच्चारण के साथ संगीतमय वातावरण में गंगा पूजन और महाआरती संपन्न कराएगी। सायं 7 बजे होने वाली महाआरती में शहर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। 

परंपरागत उत्सव और लोक संस्कृति का संगम 

बड़खापारा के छठ तालाब में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालु परंपरागत गीतों के साथ उत्सव मनाएँगे, जिससे तालाब परिसर भक्ति और लोक संस्कृति से गूँज उठेगा। मान्यता है कि भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर माँ गंगा इसी दिन शिव की जटाओं से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं, जिसके उपलक्ष्य में गंगा दशहरा मनाया जाता है। 

श्रद्धा और भक्ति का अनुपम संगम 

दुलही तालाब में प्रतिदिन लोग मछलियों को दाना डालकर अपनी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करते हैं। गंगा दशहरा के इस आयोजन में धार्मिकता, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सहभागिता का अनुपम संगम देखने को मिलेगा। तालाब के तट को सजाने और साफ-सफाई की व्यापक तैयारियाँ इस पर्व को और भव्य बनाएँगी।