छत्तीसगढ़ में भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: अब रजिस्ट्रार ही करेंगे नामांतरण, तहसीलदार का झंझट खत्म

रायपुर, 25 अप्रैल 2025। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया को बेहद आसान और पारदर्शी बना दिया है। अब प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद नामांतरण (म्यूटेशन) के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। सरकार ने भू-राजस्व संहिता की धारा 24(1) के तहत यह अधिकार रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार को सौंप दिए हैं।राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इस फैसले को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है, जो 24 अप्रैल 2025 से पूरे राज्य में लागू हो गई है। अब रजिस्ट्रेशन के वक्त ही भूमि स्वामित्व के नामांतरण की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।कुलमिलाकर अब जमीन खरीदने के बाद नाम ट्रांसफर करवाने के लिए महीनों इंतजार नहीं करना होगा। रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण प्रक्रिया पूरी—सिर्फ एक ही जगह, एक ही दस्तावेज के साथ।
भ्रष्टाचार होगा कम, लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने इस निर्णय को दूरदर्शी और जनहितैषी बताया। उन्होंने कहा कि इससे जमीन संबंधी विवादों में कमी आएगी और आमजन को बड़ी सुविधा मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी कम होंगी और शासन-प्रशासन में जनता का विश्वास बढ़ेगा।
नामांतरण में नहीं लगेगा अधिक समय, सीधे रजिस्ट्रार के माध्यम से प्रक्रिया पूर्ण
अब तक विक्रय पत्र की रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए लोगों को तहसीलदार कार्यालय जाना पड़ता था। लेकिन अब रजिस्ट्री के समय ही रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार को भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण करने का अधिकार मिल गया है। सचिव श्री अविनाश चंपावत ने बताया कि सभी जिलों को इस निर्णय के पालन हेतु निर्देशित कर दिया गया है।
अब सरल, पारदर्शी और तेज होगी जमीन की खरीद-फरोख्त
छत्तीसगढ़ सरकार के इस कदम से भूमि की खरीद-फरोख्त प्रक्रिया में गति आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। इससे न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी आम जनता को काफी राहत मिलेगी।