खदानों से चोरी का कोयला सीधे ईंट भट्ठों में खपाया जा रहा, जिम्मेदार जानते हुए भी खामोश

खदानों से चोरी का कोयला सीधे ईंट भट्ठों में खपाया जा रहा, जिम्मेदार जानते हुए भी खामोश

सूरजपुर 13 अप्रैल 2025 ।एसईसीसीएल की खदानों से हर दिन बड़ी मात्रा में कोयला चोरी हो रहा है, जिसे जिले के आसपास संचालित ईंट भट्ठों में खपाया जा रहा है। यह गोरखधंधा नया नहीं है, लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इसकी जानकारी पुलिस, खनिज विभाग, राजस्व अमले और एसईसीसीएल प्रबंधन को लंबे समय से है। इसके बावजूद किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।सूत्रों के मुताबिक, कोल माफिया ने स्थानीय बेरोजगार ग्रामीणों को इस अवैध धंधे में लगा रखा है। गरीब ग्रामीण अपनी रोजी-रोटी के लिए इस खतरनाक खेल का हिस्सा बनने को मजबूर हैं, जबकि असली लाभ इन माफियाओं और उन्हें संरक्षण देने वाले सफेदपोशों को हो रहा है।

हर दिन सैकड़ों टन कोयला गायब, ट्रैकिंग सिस्टम बेअसर

जानकारों के अनुसार, खदानों से हर दिन सैकड़ों ग्रामीणों के माध्यम से सैकड़ों टन कोयला चोरी किया जाता है। यह कोयला रात के अंधेरे में या दिनदहाड़े ट्रैक्टर, ठेलों और छोटे वाहनों के जरिए आसपास के भट्ठों तक पहुंचाया जाता है। कोयले के परिवहन पर निगरानी के लिए बनाए गए खदान के अंदर ट्रैकिंग सिस्टम और चेक पोस्ट केवल कागजों में सक्रिय हैं।

राजनीतिक संरक्षण और 'मासिक नजराना' बना कार्रवाई में बाधा

जानकार बताते हैं कि कोल माफिया को स्थानीय राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। वहीं, कई जिम्मेदार अधिकारी हर महीने नजराना पाकर आंख मूंदे हुए हैं। यही वजह है कि जब भी मीडिया में खबरें सामने आती हैं, तब कुछ गरीब ग्रामीणों को पकड़कर कार्रवाई का दिखावा किया जाता है, लेकिन असली खिलाड़ी तक कोई नहीं पहुंचता।

बार-बार खबरें छपने के बावजूद पुरानी परिपाटी कायम

पूर्व में भी इस विषय पर कई बार खबरें प्रकाशित हो चुकी हैं, पर हर बार जिम्मेदार विभागों ने सिर्फ औपचारिकता निभाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जमीन पर आज तक कोई ठोस बदलाव नजर नहीं आता।

प्रशासनिक चुप्पी पर उठे सवाल

अब बड़ा सवाल यह है कि जब तमाम एजेंसियों को इस अवैध कारोबार की जानकारी है, तो कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? क्या वास्तव में प्रशासनिक तंत्र माफिया के सामने लाचार है या फिर मिलीभगत का यह खेल जानबूझकर चलाया जा रहा है..?

पकड़े जाते हैं तो सिर्फ ग्रामीण, असली दोषी हमेशा बच निकलते हैं

हर बार जब मामला तूल पकड़ता है, दो-चार ग्रामीणों को गिरफ्तार कर दिखावे की कार्रवाई कर ली जाती है। उनके खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर दिया जाता है, जबकि इस पूरे धंधे के मास्टरमाइंड आज भी खुलेआम घूम रहे हैं और कोयले से काली कमाई का खेल बेखौफ खेल रहे हैं।