नकली खाद का खुलासा: जयनगर में कारोबारी के गोदामों पर छापा, मार्बल चूरे से बनाया जा रहा था पोटाश और सुपर फास्फेट से डीएपी
अम्बिकापुर/सूरजपुर, 01 जून 2025। सूरजपुर जिले के जयनगर में एक सनसनीखेज खुलासे ने प्रशासन और किसानों को चौंका दिया है। यहां लक्ष्मी ट्रेडर्स के तीन गोदामों पर प्रशासनिक छापे में नकली खाद के बड़े कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। मार्बल चूरे से पोटाश और सुपर फास्फेट से नकली डीएपी बनाकर पूरे सरगुजा संभाग में सप्लाई करने का गोरखधंधा सामने आया है। छापेमारी में 9,000 से अधिक खाली बोरियां, बिना बैच और लॉट नंबर की 2,460 बोरियां खाद, और सिलाई के लिए 40 बंडल धागे जब्त किए गए हैं।
मार्बल चूरा और सुपर फास्फेट से नकली खाद का खेल
मिली जानकारी अनुसार सरगुजा कलेक्टर द्वारा सूरजपुर कलेक्टर एस. जयवर्धन को जानकारी से अवगत कराने पर सूरजपुर कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम शिवानी जायसवाल और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने लक्ष्मी ट्रेडर्स के गोदामों पर छापा मारा। जांच में पता चला कि कारोबारी द्वारा मार्बल चूरे को मिलाकर पोटाश और सुपर फास्फेट को डीएपी की बोरियों में पैक कर बेच रहा था। गोदाम में करीब 60 बोरियां मार्बल चूरा, करीब 80 बोरियां नकली पोटाश, और करीब 52 बोरियां मिलावटी पोटाश (अन्नदाता कंपनी) मिली। सूत्रों के मुताबिक, सुपर फास्फेट की कीमत 400 रुपये प्रति बोरी है, जबकि डीएपी 1,400-1,500 रुपये प्रति बोरी बिकता है। इस तरह नकली डीएपी को 800-1,000 रुपये प्रति बोरी में छोटे व्यापारियों को बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा था।
करीब 9,000 खाली बोरियों ने खोली पोल
छापे के दौरान गोदामों में विभिन्न कंपनियों की तकरीबन 9,000 से अधिक खाली प्रिंटेड बोरियां और सिलाई के लिए धागे के 40 बंडल मिले। दुकान संचालक ने 47.750 टन खाद होने का दावा किया, लेकिन जांच में यह खाद नहीं मिली। इसके बजाय बिना बैच और लॉट नंबर की 2,460 बोरियां खाद जब्त की गईं। तीनों गोदामों को सील कर खाद के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
सहकारी समितियों में नकली खाद की आशंका
सूत्रों के अनुसार, सरगुजा में हाल ही में डीएपी की रैक विश्रामपुर में उतारी गई थी। सरकारी गोदाम से सहकारी समितियों के लिए निकले ट्रक निर्धारित समय से देरी से पहुंचे, जिससे आशंका है कि असली खाद को बदलकर नकली खाद सप्लाई की गई। सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने सहकारी समितियों में पहुंचे डीएपी की जांच के लिए एक समिति गठित की है, जो सैंपलिंग और जांच कर रही है।
करोड़ों का गोरखधंधा, छोटे व्यापारियों के जरिए सप्लाई
माना जा रहा है कि इस नकली खाद के कारोबार से करोड़ों रुपये का खेल हुआ है। संभाग में खाद की कमी का फायदा उठाकर कारोबारी ने सूरजपुर, सरगुजा, और बलरामपुर जिलों में छोटे व्यापारियों के जरिए नकली खाद खपाया। कुछ व्यापारियों ने इसकी सूचना सरगुजा कलेक्टर को दी, जिसके बाद कार्रवाई शुरू हुई।
अन्य गोदाम भी आएंगे जांच के दायरे में
विश्रामपुर रैक प्वाइंट पर अम्बिकापुर और सूरजपुर के तीन अन्य कारोबारियों के निजी गोदाम भी जांच के दायरे में हैं। आशंका है कि इनमें भी नकली खाद का भंडारण हो सकता है। प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
किसानों के लिए खतरे की घंटी
बहरहाल यह मामला सामने आने से किसानों के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि नकली खाद फसलों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन दोनों जिलों के प्रशासनिक टीम की सक्रियता काफी हद तक किसानों को पहुंचने वाले हानी से बचाने में कारगर साबित होने की उम्मीद जरूर बनकर उभरी है। वहीं दूसरी तरफ सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने सरगुजा के सहकारी समितियों में पहुंचे डीएपी की खेप की जांच के लिए समिति बनाई है। यह समिति सहकारी समितियों से डीएपी की जांच कर रही है और सैंपलिंग कर रही है।
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