नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल: आपदा से निपटने की सीख, सतर्कता बनी सुरक्षा का आधार

नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल: आपदा से निपटने की सीख, सतर्कता बनी सुरक्षा का आधार

सूरजपुर, 13 मई 2025।शासकीय महाविद्यालय सिलफिली में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसने छात्र-छात्राओं को आपातकाल में त्वरित और सुरक्षित प्रतिक्रिया देने की कला सिखाई। इस आयोजन का मकसद था विद्यार्थियों को सिविल डिफेंस के प्रति जागरूक करना और देश सेवा के लिए प्रेरित करना।एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी सहायक प्राध्यापक श्रीमती शालिनी शांता कुजूर ने नागरिक सुरक्षा की अहमियत बताते हुए पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले और भारतीय सेना के जवाबी "ऑपरेशन सिंदूर" की जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को माय भारत पोर्टल पर सिविल डिफेंस वॉलंटियर के रूप में पंजीकरण करने का आह्वान किया, ताकि जरूरत पड़ने पर वे देश की सेवा में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा, "नागरिक नियमों का पालन कर घर पर रहते हुए भी हम देश की सुरक्षा में सहयोग दे सकते हैं।"

कार्यक्रम के अध्यक्ष और मुख्य वक्ता प्राचार्य श्री अमित सिंह बनाफर ने मॉक ड्रिल के सात अभ्यासों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया, "आपकी सतर्कता ही आपकी सबसे बड़ी ढाल है।" ब्लैकआउट के दौरान मोमबत्ती, टॉर्च या लाइटर जलाने से बचने, इनवर्टर-जनरेटर बंद करने, खिड़कियों-दरवाजों पर पर्दे लगाने और वाहनों की हेडलाइट-इंडिकेटर बंद करने जैसे जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने परिवार, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुरक्षा पर जोर दिया। साथ ही, सरकारी निर्देशों का पालन करने, पड़ोसियों को सतर्क करने और जरूरी दवाइयों-टॉर्च जैसे सामान तैयार रखने की सलाह दी।वीडियो के जरिए मॉक ड्रिल का अभ्यास कराया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। सहायक प्राध्यापक अंजना, अजय तिवारी, भारत लाल कंबर, आशीष कौशिक, थी जफीर, स्वाति यादव और कार्यालय स्टाफ की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया। एनएसएस टीम के जोश और विद्यार्थियों की सक्रियता ने इस आयोजन को यादगार बना दिया। कुलमिलाकर यह मॉक ड्रिल न केवल आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग थी, बल्कि युवाओं में देशभक्ति और जिम्मेदारी की भावना जगाने का एक सशक्त प्रयास भी रहा।