प्री-मैट्रिक कन्या छात्रावास में विधिक जागरूकता शिविर, पोक्सो और साइबर क्राइम पर दी गई जानकारी

प्री-मैट्रिक कन्या छात्रावास में विधिक जागरूकता शिविर, पोक्सो और साइबर क्राइम पर दी गई जानकारी
प्री-मैट्रिक कन्या छात्रावास में विधिक जागरूकता शिविर, पोक्सो और साइबर क्राइम पर दी गई जानकारी

सूरजपुर 27 अप्रैल 2025। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में अनुसूचित जनजाति प्री-मैट्रिक कन्या छात्रावास, सूरजपुर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। माननीय श्रीमती विनीता वार्नर, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर, मार्गदर्शन में आयोजित इस शिविर में अपर सत्र न्यायाधीश व फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय के न्यायाधीश श्री आनंद प्रकाश वारियाल ने छात्राओं को लैंगिक अपराध, पोक्सो अधिनियम और साइबर क्राइम से संबंधित कानूनी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी।श्री वारियाल ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) 2012 के प्रावधानों को समझाते हुए निर्भया कांड का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 16 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों द्वारा किए गए अपराधों के लिए किशोर न्याय अधिनियम 2015 लागू होता है। इस अधिनियम के तहत किशोर न्याय बोर्ड यह तय करता है कि अपराधी को नाबालिग या वयस्क के रूप में सजा दी जाए। यदि वयस्क के रूप में सजा तय होती है, तो भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत कार्रवाई होती है।उन्होंने छात्राओं को साइबर अपराधों के प्रति सचेत करते हुए कहा कि मोबाइल और सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी से करना चाहिए। सोशल मीडिया और वीडियो कॉल के दुरुपयोग से होने वाले ब्लैकमेलिंग और अन्य अपराधों के उदाहरण देते हुए उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सतर्कता और जागरूकता से ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है।शिविर में छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कानूनी जानकारी से लाभान्वित हुईं। कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरियों को उनके अधिकारों और कानूनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करना था, जिसे प्रभावी ढंग से प्राप्त किया गया।