बाल श्रम के खिलाफ एकजुट हो समाज, बच्चों को दें शिक्षा और सपनों का आसमान : मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े

बाल श्रम के खिलाफ एकजुट हो समाज, बच्चों को दें शिक्षा और सपनों का आसमान : मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े

अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री की अपील, बाल श्रम रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा

रायपुर, 11 जून 2025। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बाल श्रम के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए समाज के हर वर्ग से इस सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चों का बचपन किताबों, खेल के मैदानों और परिवार के प्यार भरे आलिंगन में खिलना चाहिए, न कि कारखानों, ढाबों या खतरनाक कार्यस्थलों पर पसीना बहाते हुए मुरझाना चाहिए।

श्रीमती राजवाड़े ने कहा, “बाल श्रम न केवल एक सामाजिक कलंक है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य पर कुठाराघात भी है। छोटे-छोटे लाभ के लिए कुछ लोग बच्चों के कोमल हाथों में औजार थमा देते हैं, जो उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को कुंठित करता है। यह अमानवीय कृत्य कानून की नजर में गंभीर अपराध है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी प्रकार का खतरनाक या हानिकारक श्रम कराना पूरी तरह प्रतिबंधित है, और इसके उल्लंघन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर बल देते हुए कहा कि बाल श्रम और बाल तस्करी जैसी घटनाएं आज भी समाज के कई हिस्सों में देखने को मिलती हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार बाल श्रम उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए कठोर कानूनों के साथ-साथ जागरूकता अभियान और पुनर्वास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। लेकिन यह लड़ाई केवल सरकार की नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक की है। हमें एकजुट होकर बच्चों के अधिकारों की रक्षा करनी होगी।”

उन्होंने आम जनता से अपील की कि यदि कहीं भी बाल श्रम, दुर्व्यवहार या बच्चों के साथ हिंसा की घटना दिखे, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग या स्थानीय प्रशासन को सूचित करें। “हर बच्चा अनमोल है। उनकी मुस्कान और सपने ही हमारे देश का भविष्य हैं। हमें उनकी शिक्षा, सुरक्षा और समग्र विकास को सुनिश्चित करना होगा। एक सशक्त राष्ट्र की नींव तभी मजबूत होगी, जब हमारे बच्चे शिक्षित, स्वस्थ और खुशहाल होंगे,” उन्होंने भावुकता के साथ कहा।

श्रीमती राजवाड़े ने बच्चों के कल्याण के लिए चल रहे विभिन्न सरकारी योजनाओं और प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सरकार न केवल बाल श्रम रोकने के लिए कदम उठा रही है, बल्कि प्रभावित बच्चों के पुनर्वास और उनकी शिक्षा के लिए भी विशेष योजनाएं लागू कर रही है। उन्होंने समाज के प्रबुद्ध वर्ग, स्वयंसेवी संगठनों और मीडिया से इस मुहिम में सहयोग की अपील की ताकि बच्चों को उनका हक़ और सम्मानजनक जीवन मिल सके।

“आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि कोई भी बच्चा श्रम की बेड़ियों में नहीं जकड़ा जाएगा। हम उन्हें सपनों का आसमान देंगे, जहां वे अपनी उड़ान भर सकें।” – श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े

बाल श्रम के खिलाफ करें आवाज बुलंद 

मंत्री ने जोर देकर कहा कि बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता फैलाना और समाज को संवेदनशील बनाना समय की मांग है। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे अपने आसपास के बच्चों की स्थिति पर नजर रखें और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि बच्चों का बचपन छीनना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ एक कृत्य है। आइए, इस अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर हम सब मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें, जहां हर बच्चा सुरक्षित, शिक्षित और सशक्त हो।