"योग महाकुंभ" का भव्य आयोजन, सनातन संस्कृति और योग का महासंगम

नई दिल्ली । राजधानी के लाजपत भवन ऑडिटोरियम में रविवार को आयोजित "योग महाकुंभ" ने योग साधकों, शिक्षकों और समाजसेवियों का एक अभूतपूर्व संगम प्रस्तुत किया। अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ (ABYOGASMS Foundation) के तत्वावधान में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सनातन संस्कृति और योग की महत्ता को एक बार फिर विश्व पटल पर उजागर किया। कुलमिलाकर योग महाकुंभ 2025 ने न केवल योग की महत्ता को रेखांकित किया, बल्कि सनातन संस्कृति के प्रति गर्व और गौरव का भाव भी जागृत किया। यह आयोजन भारत को विश्वगुरु के रूप में पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ, जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया। मुख्य अतिथि के रूप में सनातनी राजनीतिज्ञ और उद्योगपति डॉ. अभिषेक वर्मा और उनकी सुपुत्री निकोल वर्मा उपस्थित रहीं। अपने प्रेरक संबोधन में डॉ. वर्मा ने कहा, "योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने की विधि नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति का मूल है। भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, 'योगः कर्मसु कौशलम्', अर्थात् कर्म में कुशलता ही योग है। वेदों में योग को आत्मा की शुद्धि और चित्त की स्थिरता का माध्यम बताया गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "आज जब विश्व तनाव और भौतिकता से जूझ रहा है, योग ही वह साधन है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है। स्वस्थ भारत, संस्कारवान समाज और आत्मनिर्भर राष्ट्र की कल्पना बिना योग के अधूरी है।" डॉ. वर्मा ने शिवसेना (NDA) के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण आत्मनियंत्रण और संयम से ही संभव है, जिसका आधार योग है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग को वैश्विक मंच पर ले जाने के प्रयासों की सराहना की और आयुष मंत्रालय, फिट इंडिया मूवमेंट तथा डिजिटल योग अभियान के माध्यम से योग को घर-घर तक पहुंचाने के लिए शिवसेना की प्रतिबद्धता दोहराई। अंत में उन्होंने उपस्थित जनसमूह से संकल्प लेने का आह्वान किया कि "योग अपनाएँ, जीवन सजाएँ और भारत को पुनः विश्वगुरु बनाएँ।"
कार्यक्रम में राजर्षि वेदमूर्ति आचार्य पवन दत्त मिश्रा महाराज, स्वामी अमित देव, डॉ. ईश्वर और योग गुरु मंगेश त्रिवेदी जैसे प्रख्यात हस्तियों ने शिरकत की। ABYOGASMS के संस्थापक योग गुरु मंगेश त्रिवेदी ने कहा, "यह आयोजन योग को जन-जन तक पहुंचाने का एक अनूठा प्रयास है। योग महाकुंभ ने सनातन संस्कृति के इस अमूल्य खजाने को नई पीढ़ी तक ले जाने का संकल्प लिया है।"
इस आयोजन में देशभर के विभिन्न योग संगठनों, विद्यालयों और संस्थानों के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। योग प्रदर्शन, ध्यान सत्र और आध्यात्मिक प्रवचनों ने इसे एक सच्चे महाकुंभ का स्वरूप प्रदान किया। उपस्थित सभी लोगों ने योग को जीवन का हिस्सा बनाने और भारत को स्वस्थ व संस्कारयुक्त बनाने का प्रण लिया।