साइबर ठगी पर पुलिस का बड़ा एक्शन प्लान: डीआईजी-एसएसपी सूरजपुर की अगुवाई में बैंक प्रबंधकों के साथ बनाई ठोस रणनीति

सूरजपुर में बढ़ते साइबर अपराधों पर कसी नकेल, बैंक- पुलिस मिलकर करेंगे सख्त कार्रवाई
सूरजपुर 23 अप्रैल 2025। आम लोगों को साइबर ठगी से बचाने और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए सूरजपुर के डीआईजी व एसएसपी श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने मंगलवार को प्रमुख बैंक प्रबंधकों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने, पीड़ितों को त्वरित सहायता देने और बैंकिंग प्रणाली को सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए। बहरहाल सूरजपुर पुलिस का यह कदम न केवल अपराधियों के मन में डर पैदा करेगा बल्कि आम नागरिकों को जागरूक कर उन्हें साइबर ठगी से बचाने में अहम भूमिका निभाएगा। पुलिस-बैंक समन्वय की यह नई पहल आने वाले समय में जिले को साइबर अपराध मुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
खाते खोलने से पहले होगी सख्त जांच, मोबाइल नंबर अपडेट पर भी सतर्कता अनिवार्य
बैठक में एसएसपी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी नया खाता खोलने या खाता धारक का मोबाइल नंबर बदलने से पहले उसकी पूरी तस्दीक की जाए। अगर कोई बाहरी व्यक्ति किसी शाखा में खाता खोलने आता है, तो उसके आने का कारण जानना और पुष्टि के बाद ही खाता खोलना अनिवार्य होगा। इससे फर्जी खातों के जरिए होने वाली ठगी को रोका जा सकेगा।
साइबर ठगी के मामलों में तत्काल जानकारी देना होगा जरूरी
डीआईजी ठाकुर ने बैंकों को सख्त लहजे में कहा कि ठगी की घटना के बाद अगर पुलिस जानकारी मांगती है, तो उसे तत्काल उपलब्ध कराया जाए। जानकारी देने में देरी से अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर हो जाते हैं और पीड़ित को न्याय मिलने में बाधा आती है।
सुरक्षा के लिए बैंकिंग सिस्टम में आएगा बड़ा बदलाव
बैठक में तय किया गया कि सभी बैंकों में साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए विशेष "अलर्ट सिस्टम" सक्रिय रखा जाएगा। बैंक, एटीएम, कैश वैन व सुरक्षा में लगे कर्मियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाएगा। हर बैंक में साइबर क्राइम से निपटने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो ठगी की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करेगा।
पुलिस और बैंक के बीच होगा रीयल टाइम कम्युनिकेशन: बनेगा खास व्हाट्सएप ग्रुप
साइबर ठगी जैसे मामलों में त्वरित संवाद और समन्वय के लिए पुलिस अधिकारियों, कंट्रोल रूम और बैंक प्रतिनिधियों का संयुक्त व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। इससे कार्रवाई में तेजी आएगी और अपराधियों तक पहुंचना आसान होगा।
पीड़ितों को विश्वास में लेना प्राथमिकता
डीआईजी ने कहा कि ऑनलाइन ठगी के शिकार लोगों को समय पर उनके खाते और संबंधित ट्रांजेक्शन की जानकारी दी जाए ताकि उनका सिस्टम पर विश्वास बना रहे। समय पर जानकारी न मिलने से कई बार केस उलझ जाता है और ठग बच निकलते हैं।
बैठक में मौजूद रहे जिले के प्रमुख पुलिस व बैंक अधिकारी
इस अहम बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, सीएसपी एस.एस. पैंकरा, थाना प्रभारी विमलेश दुबे, निरीक्षक जावेद मियादांद, साइबर सेल प्रभारी सहित बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, यूनियन बैंक, आईडीएफसी, एक्सिस बैंक, सेंट्रल बैंक, एसबीआई, ग्रामीण बैंक, आईसीआईसीआई आदि के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।