साक्ष्य मजबूत, विवेचना धारदार: सूरजपुर में पुलिस ने थानों पर दी नए कानूनों की स्पेशल ट्रेनिंग, डिजिटल एविडेंस पर खास फोकस

साक्ष्य मजबूत, विवेचना धारदार: सूरजपुर में पुलिस ने थानों पर दी नए कानूनों की स्पेशल ट्रेनिंग, डिजिटल एविडेंस पर खास फोकस
साक्ष्य मजबूत, विवेचना धारदार: सूरजपुर में पुलिस ने थानों पर दी नए कानूनों की स्पेशल ट्रेनिंग, डिजिटल एविडेंस पर खास फोकस

सूरजपुर।जिले में अब हर अपराध का होगा सटीक व सख्त जवाब! सूरजपुर पुलिस ने कानून की धार को और तेज करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। डीआईजी व एसएसपी आईपीएस श्री प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देश पर जिले के सभी अनुभागों में पुलिस विवेचकों को नवीन आपराधिक कानूनों की गहन जानकारी दी गई। इसके तहत सोमवार, 28 अप्रैल को जिले के सभी प्रमुख थानों में अनुभागीय अधिकारी (सीएसपी/एसडीओपी) के मार्गदर्शन में कैप्सूल कोर्स चलाया गया, जिसमें केस की विवेचना, डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया, और नए कानूनी प्रावधानों की बारीकियों पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।

थानों में पहुँचे अफसर, खुद सिखाया नया कानून

इस विशेष प्रशिक्षण में एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी ने थाना ओड़गी में, सीएसपी एस.एस. पैंकरा ने सूरजपुर थाना, एसडीओपी अभिषेक पैंकरा ने थाना जयनगर, एसडीओपी नरेन्द्र पुजारी ने प्रेमनगर, एसडीओपी सौरभ उईके ने प्रतापपुर व डीएसपी रितेश चौधरी ने भटगांव थाने में पहुँचे। इन अधिकारियों ने अपने अनुभाग के विवेचकों और थाना प्रभारियों को बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता), बीएनएनएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) और बीएसए (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) के नए प्रावधानों की जानकारी दी।

डिजिटल एविडेंस पर खास ज़ोर

प्रशिक्षण के दौरान डिजिटल साक्ष्य की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया गया कि मोबाइल, सीसीटीवी फुटेज, सोशल मीडिया चैट, ईमेल और अन्य डिजिटल रिकॉर्ड की विवेचना अब पहले से कहीं अधिक अहम हो गई है। इन साक्ष्यों को कैसे सुरक्षित रखा जाए, कोर्ट में उसकी वैधता कैसे सुनिश्चित की जाए, और तकनीकी खामियों से कैसे बचा जाए—इस पर भी विस्तार से बताया गया।

विवेचना में चूक अब नहीं चलेगी

पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा कि अब छोटी-छोटी त्रुटियाँ केस को कमजोर बना सकती हैं, इसलिए हर कदम पर सावधानी ज़रूरी है। साक्ष्य की चेन ,फोटोग्राफी-विडियोग्राफी का महत्व, गवाहों व पीड़ितों से संवाद बनाए रखना, और केस डायरी को अद्यतन रखना अब विवेचकों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

न्यायालयों में दोषसिद्धि बढ़ेगी

प्रशिक्षण में इस बात पर भी ज़ोर दिया गया कि जब विवेचना सशक्त और कानून के अनुरूप होगी, तो आरोपी के खिलाफ कोर्ट में दोषसिद्धि की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी। यह न सिर्फ पीड़ित को न्याय दिलाएगा, बल्कि समाज में कानून के प्रति विश्वास और अपराधियों में भय भी पैदा करेगा।

पुलिस की तैयारी पूरी, अब अपराधियों की खैर नहीं

सूरजपुर पुलिस का यह कदम कानून व्यवस्था के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। वरिष्ठ अधिकारियों की सीधी भागीदारी और थाना स्तर पर की गई गंभीर तैयारी यह दर्शाती है कि सूरजपुर पुलिस न केवल कानून की नई धाराओं को समझ रही है, बल्कि उसे ज़मीन पर उतारने के लिए पूरी तरह तैयार है।