सूरजपुर जिला पंचायत कार्यालय में भीषण आग: आधे घंटे में राख हो गए दर्जनों कंप्यूटर और अहम दस्तावेज़, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

सूरजपुर जिला पंचायत कार्यालय में भीषण आग: आधे घंटे में राख हो गए दर्जनों कंप्यूटर और अहम दस्तावेज़, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
सूरजपुर जिला पंचायत कार्यालय में भीषण आग: आधे घंटे में राख हो गए दर्जनों कंप्यूटर और अहम दस्तावेज़, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

सूरजपुर 24 अप्रैल 2025।गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे सूरजपुर जिला पंचायत भवन से अचानक धुआं निकलता देखा गया। महज़ कुछ ही मिनटों में पूरे भवन में आग फैल गई। स्थानीय लोगों और कार्यालय कर्मियों की सूचना पर तत्काल फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी — जिला पंचायत का दफ्तर जलकर खाक हो चुका था।

दर्जनों कंप्यूटर, फर्नीचर और गोपनीय दस्तावेज़ आग की भेंट चढ़े

 सूत्रों के अनुसार, आग में करीब 10 से ज़्यादा कंप्यूटर सिस्टम, दर्जनों फाइलें, सरकारी रिकॉर्ड, फर्नीचर, और डिजिटल स्टोरेज डिवाइसेज़ पूरी तरह नष्ट हो गए। प्रारंभिक आकलन में लाखों रुपये की क्षति की बात सामने आ रही है। विशेष चिंता का विषय यह है कि जिन दस्तावेज़ों में जनकल्याणकारी योजनाओं, पंचायत अनुदानों, निर्माण कार्यों और वित्तीय स्वीकृतियों का रिकॉर्ड था, वे पूरी तरह जल चुके हैं।

शॉर्ट सर्किट बनी आग की वजह, लेकिन उठ रहे हैं गंभीर सवाल

घटना की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है, लेकिन यह सवाल उठना लाज़िमी है कि जिला स्तर के इस अहम कार्यालय में फायर सेफ्टी उपकरण क्यों नहीं थे? क्या समय-समय पर इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस किया गया था? और अगर किया गया था, तो फिर चूक कहां हुई?

'महज़ हादसा या कुछ और?' — सूत्रों से मिल रही अहम जानकारी

अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि हाल के दिनों में जिला पंचायत में कुछ फाइलों को लेकर अंदरखाने विवाद था। कुछ सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारियों को लेकर भी खामोशी देखी जा रही थी। ऐसे में यह आशंका गहराती जा रही है कि यह महज़ एक 'दुर्घटना' नहीं, बल्कि एक सोची-समझी 'साफ़-सफाई' भी हो सकती है। बहरहाल सवाल यह भी खड़े हो रहे हैं कि आग किन परिस्थितियों में लगी और प्रशासन ने इससे पहले सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए थे। क्या CCTV फुटेज अब भी सुरक्षित है? क्या कोई बैकअप सिस्टम मौजूद था?

वायरिंग पुरानी है, और कहीं भी स्पार्किंग हो सकती है फिर भी नहीं दिया ध्यान 

पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर ऐसे लोग जिनका अक्सर आना-जाना कार्यालय में लगा रहता है उन्होंने बताया, “हमने कई बार कार्यालय से जुड़े अधिकारियों को बताया था कि वायरिंग पुरानी है, और कहीं भी स्पार्किंग हो सकती है। लेकिन न वायरिंग बदली गई और न ही सुरक्षा उपाय बढ़ाए गए।” अब जब कार्यालय का बड़ा हिस्सा खाक हो गया है, तब 'जांच के आदेश' दिए जा रहे हैं।

 

प्रशासनिक चुप्पी और जनता की बेचैनी

अब तक किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। लोग यह जानना चाहते हैं कि अगर योजनाओं और फंड से जुड़ी फाइलें जल गईं, तो जिम्मेदारी कौन लेगा? और क्या इससे जुड़े भ्रष्टाचार के मामले अब हमेशा के लिए दब जाएंगे?

सिर्फ आग नहीं लगी, बल्कि विश्वास जला है

एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है, दूसरी तरफ आज भी महत्वपूर्ण कागज़ी दस्तावेज़ों को बिना किसी सुरक्षा के संभाला जा रहा है। यह आग एक चेतावनी है — सिर्फ सूरजपुर के लिए नहीं, पूरे सिस्टम के लिए।