जौनपुर में पिछले 35 घंटों से सूरज नहीं दिखा है। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान 'मोंथा' के असर से जिले में रुक-रुक कर बूंदाबांदी हो रही है और आसमान में बादल छाए हुए हैं। हवाएं 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। मौसम विभाग ने 31 अक्टूबर को भी बारिश की संभावना जताई है। पिछले चार दिनों में तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार रात को भी जिले के अधिकांश हिस्सों में रिमझिम बारिश हुई, जिससे हल्की ठंड का अहसास होने लगा है और लोग कंबल का सहारा लेने लगे हैं। इस असमय बारिश से किसानों की धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है, जिससे उनकी चिंता बढ़ गई है। लगभग पांच फीसदी किसानों ने अपनी तैयार धान की फसल की कटाई भी शुरू कर दी थी। किसान चमेला ने बताया कि बारिश से कटी हुई फसलें सड़ रही हैं। रविंद्र मौर्या के अनुसार, धान के साथ-साथ आलू, लहसुन और धनिया की फसलें भी खराब हो गई हैं, जिससे पूरी लागत डूब गई है। रितेश मौर्या ने बताया कि धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है, हालांकि अंकुरित हो चुकी फसलों को कुछ फायदा है। किसान सतीश भारद्वाज ने आशंका जताई कि यदि अगले दो-तीन दिनों तक मौसम ऐसा ही रहा तो और अधिक नुकसान होगा, खासकर आलू बोने वाले किसानों को। उन्होंने कहा कि इस बारिश से किसानों की कमर टूट गई है। मौसम विभाग के अनुसार, 31 अक्टूबर को मध्यम बारिश की संभावना है, जिससे अधिकतम तापमान में उतार-चढ़ाव रहेगा, लेकिन न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन की उम्मीद नहीं है।