11 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन का ऐलान,29 से 31 दिसंबर तक सूरजपुर में दफ्तरों का कामकाज रहेगा ठप

11 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन का ऐलान,29 से 31 दिसंबर तक सूरजपुर में दफ्तरों का कामकाज रहेगा ठप

सूरजपुर ।लंबे समय से लंबित मांगों पर शासन की चुप्पी से आक्रोशित अधिकारी व कर्मचारियों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले सूरजपुर जिले में 29 से 31 दिसंबर 2025 तक तीन दिवसीय पूर्ण कामबंद एवं कलमबंद हड़ताल की घोषणा की गई है। इसके चलते जिले के अधिकांश शासकीय कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह प्रभावित रहने की संभावना है।फेडरेशन का कहना है कि बार-बार ज्ञापन, पत्राचार और पूर्व में किए गए चरणबद्ध आंदोलनों के बावजूद शासन द्वारा मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, खासकर केंद्र के समान देय तिथि से लाभ न मिलने के कारण। कुलमिलाकर तीन दिनों तक चलने वाले इस आंदोलन से प्रशासनिक कामकाज पर व्यापक असर पड़ने के आसार हैं, वहीं अब सबकी निगाहें शासन के अगले कदम पर टिकी हैं।

आंदोलन की चेतावनी—अगला कदम अनिश्चितकालीन हड़ताल

फेडरेशन के जिला संयोजक डॉ. आर. एस. सिंह ने बताया कि संगठन पहले ही मशाल रैली, एक दिवसीय ध्यानाकर्षण आंदोलन जैसे चरण पूरे कर चुका है। अब तीसरे चरण में तीन दिवसीय निश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है। यदि इसके बाद भी सकारात्मक समाधान नहीं हुआ तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

मोदी की गारंटी के अनुरूप लाभ न मिलने का आरोप

फेडरेशन का आरोप है कि कर्मचारियों को घोषित गारंटी के अनुरूप 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता तथा लगभग 80 माह का लंबित एरियर्स नहीं मिला है। इसे जीपीएफ खाते में समायोजित करने की मांग भी अब तक लंबित है।

सभी विभागों को दी गई सूचना

फेडरेशन ने बताया कि हड़ताल की सूचना जिले के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा अपने-अपने विभाग प्रमुखों को दे दी गई है। इस अवधि में सरकारी कार्यालयों में तालेबंदी जैसे हालात बन सकते हैं।

एकजुटता की अपील

जिला महिला प्रकोष्ठ संयोजक श्रीमती प्रतिमा सिंह ने आंदोलन की रूपरेखा साझा करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारियों से एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने की अपील की। वहीं जिला महासचिव इकबाल अंसारी, जिला मीडिया प्रभारी राधेश्याम साहू एवं रमेश राजवाड़े ने स्पष्ट किया कि यदि अब भी शासन ने संज्ञान नहीं लिया तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

फेडरेशन की प्रमुख मांगें

‌केंद्र के समान देय तिथि से कर्मचारियों एवं पेंशनरों को महंगाई भत्ता

वर्ष 2019 से लंबित महंगाई भत्ता एरियर्स को जीपीएफ में समायोजित करना

सभी संवर्गों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान

लिपिक, शिक्षक, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास सहित विभिन्न विभागों की वेतन विसंगतियों का निराकरण

पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करना

प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा लाभ की गणना

सहायक शिक्षक, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों को

तृतीय समयमान सहित अन्य मांगें