रिश्वतखोर बाबू रंगे हाथों पकड़ा: 25 हजार के साथ गिरफ्तार, मुआवजा दिलाने के नाम पर मांगी थी आधी रकम
सूरजपुर। राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। जरही नायब तहसील दफ्तर में तैनात लिपिक तोखन सिंह सोढ़ी मकान क्षतिपूर्ति का 80 हजार का मुआवजा दिलाने के बदले 40 हजार रिश्वत मांग रहा था। शिकायत पर सरगुजा एसीबी की टीम ने मंगलवार को सनसनीखेज कार्रवाई की। रंगे हाथों 25 हजार की रिश्वत लेते ही बाबू को धर दबोचा गया। पीड़ित रमेश राजवाड़े ने पहले ही 15 हजार रिश्वत दे दी थी, लेकिन लिपिक ने और वसूली की कोशिश की।
घर टूटा, सपने चूर: आंधी में पेड़ गिरा, मुआवजा बना रिश्वत का हथियार
सूरजपुर जिले के कोटेया थाना क्षेत्र के निवासी रमेश राजवाड़े का घर बारिश के दौरान आंधी-तूफान में पेड़ गिरने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। पटवारी ने नुकसान का आकलन कर मुआवजा प्रस्ताव तैयार किया। नायब तहसील जरही में प्रकरण चला और 80 हजार का मुआवजा स्वीकृत हो गया। लेकिन खुशी का पल ज्यादा न टिका। दफ्तर में पदस्थ बाबू तोखन सिंह सोढ़ी ने मुआवजा राशि 'दिलाने' के नाम पर आधी रकम यानी 40 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर दी।रमेश ने पहले 15 हजार रुपये दे दिए और प्रकरण पास करने की गुहार लगाई, मगर बाबू न माना। उसने और 25 हजार की डिमांड ठोंक दी। परेशान रमेश ने आखिरकार सरगुजा एसीबी से शिकायत की। एसीबी के टीआई शरद सिंह के नेतृत्व में टीम ने फौरन जांच शुरू की। रिश्वत मांग की पुष्टि होते ही ट्रैप रचा गया।
केमिकल वाले नोट से फंस गया बाबू
मंगलवार को एसीबी की टीम जरही नायब तहसील पहुंची। रमेश को केमिकल लगे 25 हजार के नोट दिए गए। रमेश ने बाबू को रिश्वत थमाई, जो फौरन उसके जेब में सरका गया। इशारा मिलते ही टीम दफ्तर में घुस आई। बाबू तोखन सिंह सोढ़ी को रिश्वत के साथ ही रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। पूरे दफ्तर में सनसनी फैल गई।
शिक्षा विभाग से आया था 'अटैच', अब भ्रष्टाचार के जाल में फंसा
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार तोखन सिंह सोढ़ी मूल रूप से हाईस्कूल जरही में प्यून के पद पर तैनात था। लेकिन वह लिपिक का काम संभालता था। पूर्व तहसीलदार ने उसे 'राजस्व कार्यालय में अटैच कर लिया था। बहरहाल मामले में एसीबी ने बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की सख्त धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।