2 माह के नवजात अबोध बालक को मिला आश्रय दादा की गुहार पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर ने दिखाई संवेदनशीलता, मातृ छाया अंबिकापुर में मिला संरक्षण

सूरजपुर 18 अप्रैल 2025।जिला सूरजपुर में एक बार फिर विधिक सेवा प्राधिकरण ने मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का उदाहरण प्रस्तुत किया है। ग्राम केवंरा निवासी वृद्ध लालसाय, जिनका पूरा परिवार एक गंभीर आपराधिक मामले में फंसा हुआ है, अपने दो माह के पोते की देखरेख को लेकर पूरी तरह असहाय हो चुके थे। बहू की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत और उसके बाद हत्या व साक्ष्य छिपाने के आरोप में बेटे समेत परिवार के अन्य सदस्य जेल में हैं। ऐसे में मृतका का नवजात बालक पूरी तरह बेसहारा हो गया था। बहरहाल इस पूरी घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि जनसुविधाओं और विधिक सेवाओं की सही जानकारी हो, तो सबसे कमजोर और असहाय व्यक्ति तक भी न्याय और सुरक्षा की पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है। सूरजपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और बाल कल्याण समिति की संयुक्त पहल इस दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुकी है।
अधिकार मित्र ने दिखाई राह
लालसाय अपनी पीड़ा लेकर आरक्षित केंद्र प्रतापपुर पहुंचे, जहां नियुक्त अधिकार मित्र राम प्रसाद ने न केवल संवेदना दिखाई बल्कि उन्हें कानूनी मदद का रास्ता भी बताया। उन्होंने वृद्ध को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर पहुंचने की सलाह दी। वहां सचिव श्रीमती प्रतीक्षा अग्रवाल को आवेदन सौंपते हुए उन्होंने बताया कि बालक की देखरेख के लिए परिवार में अब कोई सक्षम सदस्य नहीं बचा है और वे स्वयं वृद्धावस्था के कारण असमर्थ हैं।
जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में हुई त्वरित कार्रवाई
आवेदन मिलते ही प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष श्रीमती विनीता वार्नर के मार्गदर्शन में मामले को गंभीरता से लिया गया। सचिव प्रतीक्षा अग्रवाल ने बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सुश्री किरण सिंह को निर्देशित किया कि वे तत्काल मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करें।
टीम ने तत्परता से निभाई जिम्मेदारी
जांच के लिए गठित टीम में जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, संरक्षण अधिकारी प्रियंका सिंह, परियोजना समन्वयक चाइल्ड हेल्पलाइन श्री कार्तिक मजूमदार और काउंसलर जैनेन्द्र शामिल थे। पूरी प्रक्रिया के तहत शिशु को विधिक प्रावधानों के अनुसार संरक्षण में लिया गया और मातृ छाया अंबिकापुर भेजा गया। वहां शिशु को अब सुरक्षित वातावरण, पोषण और देखभाल मिल रही है।
लीगल एड क्लिनिक की स्थापना से ग्रामीणों को मिलेगा बड़ा लाभ
इसी बीच सूरजपुर जिले में विधिक सहायता को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेश पर ग्राम पंचायत नावापारा कला एवं कालामांजन में लीगल एड क्लिनिक की स्थापना की गई है। इन क्लिनिक्स का उद्देश्य ग्रामीण अंचलों में रहने वाले समाज के कमजोर, निर्धन और वंचित वर्ग को नि:शुल्क कानूनी सलाह और सहायता उपलब्ध कराना है।इन क्लिनिक्स में नियुक्त अधिकार मित्र लोगों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देते हैं, आवश्यक दस्तावेज तैयार करने में मदद करते हैं और न्यायिक प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने का कार्य करते हैं। प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमती विनीता वार्नर के मार्गदर्शन में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ जानकारी के अभाव या आर्थिक कमजोरी के कारण न्याय से वंचित न रह जाए।