छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री प्रणाली का डिजिटल क्रांति: 10 क्रांतिकारी नवाचार पर आधारित कार्यशाला का हुआ आयोजन
रजिस्ट्री से नामांतरण तक अब सब कुछ डिजिटल होने से भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश
सूरजपुर, 12 मई 2025। छत्तीसगढ़ शासन ने पंजीयन और नामांतरण प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी मार्गदर्शन में शुरू किए गए 10 क्रांतिकारी नवाचारों ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का रास्ता खोल दिया है। इस नई व्यवस्था को जमीनी स्तर पर लागू करने और अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए सूरजपुर कलेक्टोरेट सभाकक्ष में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिला रजिस्ट्रार अंबिकापुर श्री विवेक कुमार सिंह ने इन नवाचारों की गहन जानकारी साझा की। कार्यशाला में अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर श्री एस जयवर्धन ने अधिकारियों से इन नवाचारों को आपसी समन्वय के साथ प्रभावी ढंग से लागू करने का आह्वान किया, ताकि इसका लाभ हर नागरिक तक पहुंचे और फर्जीवाड़े पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके। इसके साथ ही यह नई व्यवस्था छत्तीसगढ़ को डिजिटल प्रशासन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की यह पहल न केवल जनता के हित में है, बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन की उनकी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है।
10 क्रांतिकारी नवाचार: रजिस्ट्री प्रणाली में नया युग
छत्तीसगढ़ सरकार ने तकनीक और पारदर्शिता के बल पर रजिस्ट्री प्रणाली को आमजन के लिए सरल, त्वरित और किफायती बनाने का बीड़ा उठाया है। कार्यशाला में इन 10 नवाचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया:
1. आधार आधारित प्रमाणीकरण: क्रेता, विक्रेता और गवाहों की पहचान अब आधार रिकॉर्ड के माध्यम से होगी, जिससे फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी
2. ऑनलाइन सर्च और डाउनलोड सुविधा: मात्र खसरा नंबर डालकर संपत्ति के पुराने लेन-देन और स्वामित्व की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
3.भारमुक्त प्रमाण पत्र ऑनलाइन: संपत्ति पर किसी प्रकार के ऋण या बकाया की स्थिति अब एक क्लिक में ऑनलाइन जांची जा सकेगी, जिससे समय की बचत होगी।
4. एकीकृत कैशलेस भुगतान: स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का भुगतान अब एकसाथ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किया जा सकेगा, जिससे नकद लेन-देन की जरूरत खत्म होगी।
5. व्हाट्सएप सेवाएं: रजिस्ट्री से जुड़ी हर सूचना, अपॉइंटमेंट और दस्तावेज अब व्हाट्सएप के जरिए सीधे नागरिकों तक पहुंचेंगे, जिससे प्रक्रिया और सुगम होगी।
6. डिजीलॉकर सुविधा: पंजीकृत दस्तावेज अब डिजीलॉकर में डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे, जिन्हें कभी भी, कहीं से भी डाउनलोड किया जा सकेगा।
7. ऑटो डीड जनरेशन: रजिस्ट्री के दस्तावेज अब ऑनलाइन स्वतः तैयार होंगे और उप-पंजीयक को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किए जाएंगे, जिससे कागजी कार्रवाई खत्म होगी।
8. डिजी डॉक्युमेंट सुविधा: शपथ पत्र, अनुबंध जैसे गैर-पंजीयन योग्य दस्तावेज भी ऑनलाइन तैयार होंगे और स्टाम्प शुल्क का भुगतान डिजिटल तरीके से हो सकेगा।
9. घर बैठे रजिस्ट्री: आधार प्रमाणीकरण के जरिए नागरिक अब घर बैठे ही अपॉइंटमेंट लेकर रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे, जिससे समय और श्रम की बचत होगी।
10.स्वतः नामांतरण सुविधा: रजिस्ट्री के बाद नामांतरण की प्रक्रिया स्वचालित रूप से शुरू हो जाएगी और राजस्व रिकॉर्ड में स्वतः अद्यतन हो जाएगी। इसके लिए अलग से आवेदन की जरूरत नहीं होगी।
पेपरलेस, कैशलेस और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था
नई व्यवस्था ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह पेपरलेस और कैशलेस बना दिया है। पारिवारिक दान, हक त्याग और बंटवारे जैसे मामलों में पंजीयन शुल्क को मात्र 500 रुपये निर्धारित किया गया है, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए बड़ी राहत है। स्वतः नामांतरण सुविधा ने तहसील कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने की समस्या को जड़ से खत्म कर दिया है। इससे न केवल नागरिकों का समय बचेगा, बल्कि राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या में भी कमी आएगी, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को गति मिलेगी।
आमजन के लिए वरदान, प्रशासन के लिए मील का पत्थर
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न केवल राजस्व व्यवस्था को और सशक्त बनाएगी, बल्कि आम नागरिकों के लिए एक नया द्वार भी खोलेगी। घर बैठे रजिस्ट्री, स्वतः नामांतरण और डिजिटल दस्तावेज जैसी सुविधाएं नागरिकों के जीवन को आसान बनाएंगी, वहीं कैशलेस और पेपरलेस प्रणाली प्रशासनिक पारदर्शिता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।