बलरामपुर में अवैध परिवहन पर एसडीएम की सर्जिकल स्ट्राइक: 9 ओवरलोड क्रेशर वाहन जब्त, सरकार को हर माह हो रहा करोड़ों का नुकसान

बलरामपुर में अवैध परिवहन पर एसडीएम की सर्जिकल स्ट्राइक: 9 ओवरलोड क्रेशर वाहन जब्त, सरकार को हर माह हो रहा करोड़ों का नुकसान
बलरामपुर में अवैध परिवहन पर एसडीएम की सर्जिकल स्ट्राइक: 9 ओवरलोड क्रेशर वाहन जब्त, सरकार को हर माह हो रहा करोड़ों का नुकसान

बलरामपुर/अंबिकापुर। जिले में अवैध खनन और ओवरलोड परिवहन पर पहली बार प्रशासन की सख्त कार्रवाई देखने को मिली है। कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा के निर्देश पर बीती रात्रि एसडीएम आनंद राम नेताम के नेतृत्व में बड़ी कार्रवाई की गई। ओवरलोड, बगैर पीटपास और बिना जीएसटी बिल के चल रहे 9 क्रेशर गिट्टी वाहनों को जब्त कर पुलिस थाने में खड़ा करवाया गया है। यह कार्रवाई देर रात 3 बजे से लेकर सुबह तक अलग-अलग स्थानों पर की गई।अधिकारी के मुताबिक, कलेक्ट्रेट, चांदो रोड, न्यू बस स्टैंड और पुराने बस स्टैंड के पास इन वाहनों को रोका गया, लेकिन किसी भी वाहन चालक के पास जरूरी दस्तावेज नहीं थे। एसडीएम ने पूरी रिपोर्ट तैयार कर खनिज शाखा को सौंप दी है, साथ ही स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी। बहरहाल बलरामपुर जिले में प्रशासनिक स्तर पर यह कार्रवाई एक साहसिक और सराहनीय कदम है। लेकिन जब तक खनिज और यातायात विभाग की निष्क्रियता पर लगाम नहीं लगेगी और भ्रष्टाचार पर ठोस कार्रवाई नहीं होगी, तब तक सरकार को होने वाला नुकसान और सड़कों पर दौड़ते खतरनाक ओवरलोड वाहन शहरों और जनजीवन के लिए खतरा बने रहेंगे।

खनिज और यातायात विभाग की चुप्पी संदेह के घेरे में

जिले में लंबे समय से अवैध खनन और ओवरलोडिंग का कारोबार फल-फूल रहा है। खनिज और यातायात विभाग के अधिकारियों की मौन स्वीकृति और संलिप्तता के कारण यह गतिविधियाँ खुलेआम संचालित हो रही हैं। आरोप है कि प्रतिदिन 300 से अधिक ओवरलोड ट्रक बिना किसी वैध दस्तावेज के यूपी, झारखंड और बिहार की ओर भेजे जाते हैं।

हर माह सरकार को करोड़ों का नुकसान

जानकारों के अनुसार, एक ओवरलोड वाहन पर औसतन ₹10,000 का जीएसटी बिल और पीटपास बनता है। इस हिसाब से प्रतिदिन ₹30 लाख और प्रतिमाह लगभग ₹9 करोड़ का नुकसान सरकार को हो रहा है। यह न केवल सरकारी राजस्व की चोरी है, बल्कि सड़कों और यातायात सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा है।

थाना-चौकियों में पहुँच रही 'मासिक बंदगी'

कुछ वाहन चालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रत्येक वाहन से 2000 से 3000 रुपए प्रतिमाह की वसूली विभिन्न थाना-चौकियों और चौकी प्रभारियों को की जाती है। यही वजह है कि खनिज और यातायात विभाग की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाता।