पति ने दूसरी महिला से तोड़ा रिश्ता, बुजुर्ग महिला को मिला घर, सामाजिक बहिष्कार हुआ खत्म, 3 लाख भरण-पोषण पर सहमति

पति ने दूसरी महिला से तोड़ा रिश्ता, बुजुर्ग महिला को मिला घर, सामाजिक बहिष्कार हुआ खत्म, 3 लाख भरण-पोषण पर सहमति
पति ने दूसरी महिला से तोड़ा रिश्ता, बुजुर्ग महिला को मिला घर, सामाजिक बहिष्कार हुआ खत्म, 3 लाख भरण-पोषण पर सहमति

रायपुर | 16 अप्रैल 2025 | छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में बुधवार को आयोग कार्यालय, रायपुर में 308वीं राज्य स्तरीय और 150वीं जिला स्तरीय जनसुनवाई आयोजित की गई। इस दौरान आयोग की सदस्या श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्रीमती सरला कोसरिया और श्रीमती ओजस्वी मण्डावी मौजूद रहीं। महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों की सुनवाई में आयोग ने सख्ती और संवेदनशीलता दोनों का परिचय देते हुए कई जटिल मामलों को सुलझाया।

1. पति और पत्नी के बीच सुलहनामा, तीसरी महिला पीछे हटी

एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके पति का संबंध एक अन्य महिला से है, जिससे उनका वैवाहिक जीवन प्रभावित हो रहा है। आयोग ने पति, पत्नी और उस महिला तीनों की काउंसलिंग कराई। आयोग की सख्त समझाइश के बाद पति-पत्नी में आपसी सुलहनामा हुआ और तीसरी महिला ने स्पष्ट किया कि वह भविष्य में उनके वैवाहिक जीवन में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।

2. वृद्धा को उसके अपने ही घर से निकाल दिया गया था, अब मिलेगा मकान

एक बुजुर्ग महिला ने आयोग को बताया कि उनके पति, बेटे और बहू ने उन्हें उनके ही मकान से बाहर निकाल दिया है। आयोग की जांच में सामने आया कि मकान महिला के नाम पर है और संपत्ति उन्हें उनके माता-पिता से मिली थी। आयोग की सख्ती और समझाइश के बाद परिवार ने स्वीकारा कि वे एक सप्ताह के भीतर महिला को उसका एक मकान वापस सौंप देंगे।

3. पीपल की डंगाल काटने पर हुआ था बहिष्कार, अब सामाजिक बहिष्कार खत्म

एक महिला ने बताया कि वर्ष 2018 में पीपल के पेड़ की डंगाल काटने के आरोप में गांव और समाज ने उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया था। महिला का गांव आना-जाना तक प्रतिबंधित कर दिया गया। आयोग की पहल पर अनावेदकों ने स्वीकार किया कि सामाजिक बहिष्कार गलत था और अब वे गांव व समाज के सामने सार्वजनिक रूप से बहिष्कार समाप्त करने की घोषणा करेंगे। आयोग की टीम स्वयं ग्राम जुलुम (टेकारी) जाकर इस प्रक्रिया की निगरानी करेगी।

4. विवाह के बाद पति ने उठाए चरित्र पर सवाल, काउंसलिंग के बाद मिले दूसरा मौका

एक महिला ने शिकायत की कि शादी के बाद पति ने उसके पुराने रिकॉर्ड निकालकर उस पर चरित्रहीनता के आरोप लगाए जिससे वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण हो गया। आयोग ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग करवाई और उन्हें एक बार फिर आपसी सहमति से हल निकालने का मौका दिया गया। उन्हें सलाह दी गई कि अगली सुनवाई में ठोस प्रस्ताव के साथ उपस्थित हों ताकि निर्णय लिया जा सके।

5. पति की मारपीट और नशे की आदत, 3 लाख भरण-पोषण में हुआ समझौता

एक पीड़िता ने बताया कि उसका पति शराब के नशे में मारपीट करता है और पिछले 6 महीने से उसे घर से निकाल चुका है। आयोग की समझाइश के बाद अनावेदक (पति) ने एकमुश्त ₹3 लाख की भरण-पोषण राशि देने पर सहमति जताई। यह राशि महिला के पुनर्वास और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करेगी।

अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक का स्पष्ट संदेश:

"अगर विवाह आपसी सहमति से हुआ है, तो किसी पुरुष को महिला के अतीत को लेकर मानसिक उत्पीड़न करने का कोई हक नहीं। महिला आयोग हर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और समाज में महिलाओं की गरिमा और अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है।"

जनसुनवाई से निकलती तस्वीर:

आयोग की इस जनसुनवाई से एक बार फिर यह साबित हुआ कि सही समय पर सख्त लेकिन संवेदनशील कार्रवाई से न सिर्फ महिलाओं को न्याय मिल सकता है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी जाता है। आयोग की सक्रियता, न्यायप्रियता और संवादशील दृष्टिकोण ने इन मामलों में त्वरित समाधान निकाल कर पीड़ित महिलाओं को राहत दिलाई।