केवरा में शुरू हुआ ‘मोर दुआर, साय सरकार’ महाअभियान,बेघर और वंचित परिवारों को मिलेगा पीएम आवास योजना का लाभ, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि पैकरा ने की पहल
सूरजपुर 18 अप्रैल 2025।भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत उन जरूरतमंद परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए, जो अब तक योजना की पात्रता सूची में शामिल नहीं हो सके हैं, ‘मोर दुआर, साय सरकार’ नामक एक विशेष महाअभियान की शुरुआत प्रतापपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत केवरा में की गई।इस महाअभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र व्यक्ति छत से वंचित न रह जाए। अभियान के प्रथम चरण का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि पैकरा के करकमलों से हुआ। इस अवसर पर उन्होंने आवास प्लस 2.0 एप के माध्यम से एक प्रतीकात्मक परिवार का सर्वे कर अभियान की शुरुआत की।
श्रीमती चंद्रमणि पैकरा ने क्या कहा:
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रत्येक गरीब परिवार को पक्का आवास मिले। जिन परिवारों के पास रहने के लिए छत नहीं है या जो पात्र होने के बावजूद सूची में शामिल नहीं हो सके हैं, उन्हें प्राथमिकता से जोड़ा जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पात्र परिवारों का त्वरित सर्वे कर नाम सूची में जोड़ा जाए और उन्हें समय-सीमा में आवास उपलब्ध कराया जाए।
जनकल्याणकारी योजनाओं की भी दी जानकारी:
इस अभियान के तहत न केवल पीएम आवास योजना बल्कि अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी गई, ताकि ग्रामीण सभी योजनाओं का लाभ ले सकें। श्रीमती पैकरा ने उपस्थित जनसमूह से संवाद करते हुए आवास निर्माण की गुणवत्ता बनाए रखने और समयबद्ध पूर्णता का आग्रह किया।
सामूहिक सहभागिता से दिखा उत्साह:
इस अवसर पर जनपद सदस्य, सरपंच, पंच, ग्राम सचिव, समस्त जनपद अमला, ग्रामीणजन एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। ग्रामीणों ने इस अभियान का स्वागत करते हुए सरकार की जनहितैषी सोच की सराहना की और विश्वास जताया कि इस अभियान से उन्हें जीवन स्तर सुधारने में मदद मिलेगी।
क्या है ‘मोर दुआर, साय सरकार’ अभियान:
यह अभियान शासन द्वारा उन लोगों के लिए चलाया जा रहा है, जिनका नाम पीएम आवास योजना की पात्रता सूची में किसी कारणवश छूट गया है। इस विशेष पहल के माध्यम से सरकार अब "घर-घर पहुँच कर, पात्रता की पुष्टि कर रही है" ताकि कोई भी जरूरतमंद वंचित न रह जाए।अभियान को लेकर ग्रामीणों में उत्साह और जागरूकता दोनों देखने को मिल रही है। जिला प्रशासन द्वारा इसे एक मिशन की तरह लेकर गांव-गांव में पहुंचकर काम किया जा रहा है।