दिव्यांगता नहीं बनेगी अब बाधा, सुशासन तिहार बना सहारा व्हीलचेयर मिली तो बोले रेमशन – "अब मैं दूसरों पर बोझ नहीं, खुद अपने पैरों पर खड़ा हूं"

दिव्यांगता नहीं बनेगी अब बाधा, सुशासन तिहार बना सहारा व्हीलचेयर मिली तो बोले रेमशन – "अब मैं दूसरों पर बोझ नहीं, खुद अपने पैरों पर खड़ा हूं"
दिव्यांगता नहीं बनेगी अब बाधा, सुशासन तिहार बना सहारा व्हीलचेयर मिली तो बोले रेमशन – "अब मैं दूसरों पर बोझ नहीं, खुद अपने पैरों पर खड़ा हूं"

अम्बिकापुर 4 मई 2025 ।कभी गांव की गलियों तक भी पहुंचना रेमशन एक्का के लिए चुनौती था। लेकिन सुशासन तिहार 2025 ने उनके जीवन में उम्मीद की नई किरण जगा दी। लखनपुर जनपद पंचायत के ग्राम जीवलिया निवासी अस्थिबाधित रेमशन एक्का की जिंदगी अब बदल रही है। तिहार में मांगी गई व्हीलचेयर महज एक औपचारिक आवेदन नहीं रही, बल्कि प्रशासन की तत्परता ने इसे कुछ ही दिनों में साकार कर दिखाया।

रेमशन बोले – “ये सिर्फ एक कुर्सी नहीं, मेरे लिए आज़ादी की सवारी है”

रेमशन की उम्र करीब 38 साल है। वे बचपन से चलने-फिरने में असमर्थ हैं। गांव के छोटे से घर में रहने वाले रेमशन हमेशा दूसरों की मदद पर निर्भर थे। लेकिन जब उन्हें जानकारी मिली कि सुशासन तिहार के ज़रिए सरकार सीधे लोगों की समस्याएं सुन रही है, तो वे भी उम्मीद लेकर तिहार में पहुंचे।

रेमशन ने मंच से सीधे अपनी समस्या रखी और व्हीलचेयर की मांग की। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने तुरंत संज्ञान लेते हुए आवेदन स्वीकार किया और कुछ ही दिनों में उन्हें नया सहायक उपकरण यानी व्हीलचेयर प्रदान की गई।

आंखों में चमक, चेहरे पर मुस्कान और दिल में आत्मविश्वास

जब व्हीलचेयर उनके घर पहुंची, तो पूरे गांव के लोगों की आंखें भर आईं। रेमशन ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब मुझे किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। मैं मंदिर जा सकूंगा, बाजार घूम सकूंगा, लोगों से मिल सकूंगा। ये छोटी सी चीज़ नहीं, मेरे लिए आज़ादी है।”

उन्होंने जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग के प्रति गहरा आभार जताया और कहा कि “अब मेरी दिव्यांगता मेरी राह की रुकावट नहीं बनेगी। मैं समाज की मुख्यधारा में पूरी सक्रियता से जुड़ूंगा।”

सुशासन तिहार – सरकार और जनता के बीच भरोसे की नई डोर

रेमशन की कहानी केवल एक उदाहरण नहीं है, बल्कि यह बताती है कि जब शासन संवेदनशील हो, तो बदलाव दूर नहीं होता। सुशासन तिहार 2025 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है – समस्याओं का त्वरित समाधान, योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन और आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करना।अधिकारियों का कहना है कि तिहार में अब तक हजारों लोगों ने अपनी समस्याएं साझा की हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में समाधान भी प्रदान किया जा चुका है।