नालसा की नई योजनाओं पर कार्यशाला : न्याय की राह को बनाया आसान

नालसा की नई योजनाओं पर कार्यशाला : न्याय की राह को बनाया आसान
नालसा की नई योजनाओं पर कार्यशाला : न्याय की राह को बनाया आसान

सूरजपुर। न्याय अब हर व्यक्ति की पहुंच में होगा इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में सूरजपुर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की नई योजनाओं—जागृति, डॉन, संवाद, स्पीकअप और आशा—के लिए एक भव्य उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करना और समाज के हर वर्ग को कानूनी सहायता के प्रति जागरूक करना था। इसके साथ ही किशोर न्याय से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कार्यशाला ने भी सभी का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें किशोर अपराध और उनके पुनर्वास पर गहन चर्चा हुई।बहरहाल यह आयोजन सूरजपुर में कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देने और न्याय व्यवस्था को और सुलभ बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ। नालसा की नई योजनाएं और किशोर न्याय पर केंद्रित यह कार्यक्रम समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। साथ ही “न्याय अब सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, यह हर व्यक्ति के दरवाजे तक पहुंचेगा।”

कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां......

बाल विवाह के खिलाफ जंग: कुटुंब न्यायालय की न्यायाधीश श्रीमती प्रज्ञा पचौरी ने ‘आशा’ योजना के तहत बाल विवाह पीड़ितों को त्वरित कानूनी सहायता उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने सरपंचों और पैरालीगल वालंटियर्स से गांवों में इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की अपील की।  

पॉक्सो और साइबर अपराध पर सजगता: फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश श्री आनंद प्रकाश वारियाल ने पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों और सोशल मीडिया के दुरुपयोग से होने वाले साइबर अपराधों से बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।  

किशोरों को सुधार का अवसर: प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री आशीष भगत ने किशोर न्याय बोर्ड (JJB) के प्रावधानों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि गरीबी और सामाजिक परिस्थितियां बच्चों को अपराध की ओर धकेलती हैं, और उन्हें सुधार का मौका देना समाज की जिम्मेदारी है।  

नालसा योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती प्रतीक्षा अग्रवाल ने नालसा की नई योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की रणनीति साझा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से जरूरतमंदों तक समय पर न्याय पहुंचाया जाएगा।  

पर्यावरण के प्रति सम्मान का संदेश

कार्यक्रम का संचालन जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने किया। इस अवसर पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, सरपंच और विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित थे। आयोजन की एक अनूठी पहल यह रही कि अतिथियों का स्वागत पौधों से सजे गमलों के साथ किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का प्रतीक बना।