बेखौफ शराब माफिया: ढाबों-गांवों में धड़ल्ले से बिक्री, आबकारी विभाग की कार्रवाई पर उठे सवाल खानापूर्ति की कार्यवाही कर लुटते वाहवाही

सूरजपुर, 03 मई 2025 । जिले में अवैध शराब का कारोबार बेलगाम होता जा रहा है। ढाबों, ग्रामीण गलियों और विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर देशी और अंग्रेजी शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है, लेकिन आबकारी विभाग की कार्रवाई महज औपचारिकता बनकर रह गई है। शनिवार को जिला प्रशासन की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया गया कि ग्राम पाठकपुर, पुलिस चौकी खड़गवां क्षेत्र के प्रमोद राजवाड़े पिता रमेश्वर के कब्जे से 13 लीटर हाथभट्टी कच्ची महुआ शराब जब्त की गई और आरोपी के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34(1)क, 34(2), 59(क) के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।हालांकि इस कार्रवाई को लेकर लोगों में असंतोष है। जनचर्चा में इसे महज खानापूर्ति बताया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है। जब जिले में बड़े पैमाने पर शराब का अवैध कारोबार हो रहा है, तो महज 13 लीटर जब्ती को बड़ी उपलब्धि बताना सवालों के घेरे में है। कुलमिलाकर सवाल यह नहीं कि 13 लीटर शराब जब्त हुई, सवाल यह है कि कब तक आबकारी विभाग इस तरह की छोटी कार्रवाइयों को बड़ी सफलता बतौर प्रदर्शित करता रहेगा, जबकि धरातल पर शराब का अवैध व्यापार बेधड़क जारी है।
ढाबों और गलियों में दिन-रात बिक रही शराब, विभाग की चुप्पी हैरान करने वाली
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिले के कई ढाबों और गांवों में शराब का धंधा दिन-रात चल रहा है। ग्रामीण इलाकों में कच्ची शराब के अड्डे खुलेआम संचालित हो रहे हैं, लेकिन आबकारी विभाग की नजर उन पर नहीं पड़ती। एक स्थानीय निवासी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि विभाग केवल छोटे कारोबारियों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपा रहा है, जबकि असली शराब माफिया खुलेआम धंधा कर रहे हैं।
प्रेस विज्ञप्ति या इमेज बिल्डिंग...?
शनिवार की कार्रवाई को लेकर यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या आबकारी विभाग सचमुच सक्रिय है या फिर सिर्फ अपनी छवि चमकाने के लिए प्रेस विज्ञप्तियां जारी कर रहा है...? 13 लीटर शराब की बरामदगी को बड़ी कामयाबी बताने पर कई लोगों ने तंज कसते हुए कहा कि जिले में हो रहे बड़े पैमाने पर शराब कारोबार के सामने यह कार्रवाई नगण्य है।
लोगों की मांग: हो सख्त कार्रवाई, हो नियमित गश्त
स्थानीय रहवासियों ने मांग की है कि आबकारी विभाग को अवैध शराब कारोबार पर नकेल कसने के लिए बड़े स्तर पर छापेमारी करनी चाहिए। ढाबों और अन्य संदिग्ध स्थलों पर नियमित गश्त बढ़ाई जाए। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया जाए कि क्या कार्रवाई में ढिलाई विभाग की संसाधन-सीमा के कारण है या फिर शराब माफियाओं से सांठगांठ की वजह से?