आम बगीचे के बीच सुशासन तिहार का रंग: सीएम श्री विष्णु देव साय ने 48 करोड़ की विकास सौगात दी, कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े संग ग्रामीणों से किया सीधा संवाद
ग्राम-ग्राम पहुंचकर सरकार दे रही है भरोसे का संदेश, मोदी की गारंटी से योजनाएं बन रही जन-जन की ताकत
सूरजपुर, 08 मई 2025 । विकासखंड रामानुजनगर के ग्राम पंचायत पटना के आम बगिचे की छांव में आज सुशासन, सेवा और संवाद का अद्भुत संगम देखने को मिला। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की उपस्थिति में आयोजित समाधान शिविर में 15 ग्राम पंचायतों के हजारों ग्रामीणों ने भाग लिया। यह शिविर केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी और समाधान का मंच नहीं रहा, बल्कि यह जनविश्वास, सामाजिक सरोकार और सरकारी जवाबदेही की जीवंत मिसाल बन गया। बहरहाल ग्राम पटना का यह समाधान शिविर प्रशासनिक प्रक्रिया से कहीं आगे बढ़कर सामाजिक न्याय और भरोसे का उत्सव बन गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय , कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े,प्रभारी मंत्री श्री दयाल दास बघेल,प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह मरावी, अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, बैकुण्ठपुर विधायक भईया लाल राजवाड़े, वन विकास निगम के अध्यक्ष राम सेवक पैकरा, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष भीमसेन अग्रवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव बसव राजू, प्रभारी सचिव भुवनेश यादव, संभागायुक्त नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री दीपक झा, कलेक्टर एस. जयवर्धन, पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार ठाकुर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नन्दिनी साहू सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारीयों व ग्रामीण की संवेदनशील उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि छत्तीसगढ़ में सुशासन अब सिर्फ भाषण नहीं, बल्कि धरातल पर उतरी हकीकत है।
राजनीति नहीं, जननीति की पहचान बना सुशासन तिहार
मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से सीधे संवाद करते हुए कहा कि “मोदी की गारंटी अब छत्तीसगढ़ की ज़मीन पर साकार हो रही है। हम हर व्यक्ति तक शासन की योजनाएं पहुंचा रहे हैं, यही सुशासन तिहार की आत्मा है।” उन्होंने ग्रामीणों के साथ जमीन पर बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं और कई मामलों में मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश देकर समाधान सुनिश्चित किया।
कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने साझा किया मातृत्व और सेवा का संदेश
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने अपने संबोधन में कहा कि “महिलाओं, बच्चों और वंचितों के सशक्तिकरण के बिना समावेशी विकास संभव नहीं। हमारी सरकार हर घर की पीड़ा को महसूस करती है, और उसके समाधान के लिए कटिबद्ध है।” उन्होंने महतारी वंदन योजना, आवास योजना और पोषण अभियान जैसे कार्यक्रमों का हवाला देते हुए बताया कि यह योजनाएं सिर्फ कागज पर नहीं, बल्कि धरातल पर बदलाव ला रही हैं।
सामाजिक सरोकारों की मिसाल बनी योजना
शिविर के दौरान मुख्यमंत्री और मंत्री ने स्वयं हितग्राहियों को आवास की चाबियां, राशन कार्ड, शौचालय निर्माण सहायता और पेंशन स्वीकृति पत्र सौंपे। यह दृश्य सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि शासन और समाज के बीच गहरे जुड़ाव का प्रतीक था। विशेष रूप से महिलाओं और वृद्धजनों की आँखों में दिखा आत्मीयता का भाव इस बात का संकेत था कि सरकार की योजनाएं अब भावनाओं से जुड़ चुकी हैं।
सीधे संवाद का बना सेतु, विश्वास की बनी बुनियाद
शिविर में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि पहली बार उन्हें ऐसा लगा कि सरकार उनके बीच है, और उनकी बात सुनी जा रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “मैं केवल योजनाओं की समीक्षा नहीं कर रहा, मैं आपके आशीर्वाद और सुझाव लेने आया हूँ। ये संवाद ही लोकतंत्र की आत्मा है।”
समाधान में सफलता: 99% आवेदनों का त्वरित निराकरण
शिविर में कुल 2720 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2698 का तत्काल समाधान किया गया। यह प्रशासन की तत्परता और जनकल्याण की प्राथमिकता को दर्शाता है।
नारी शक्ति, जनसुनवाई और योजनाओं का त्रिवेणी संगम
कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े राजवाड़े की उपस्थिति ने शिविर को महिला सशक्तिकरण के मंच के रूप में भी स्थापित किया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण अब नारा नहीं, सरकार की नीति है। ग्रामीण महिलाओं ने मंच पर आकर अपने अनुभव साझा किए, जिन्होंने बताया कि कैसे योजनाओं ने उनके जीवन में वास्तविक बदलाव लाया।