ग्रामीण दीदियों की आवाज बनेगा 'दीदी के गोठ': रेडियो से मिलेगी आत्मनिर्भरता की नई उड़ान

ग्रामीण दीदियों की आवाज बनेगा 'दीदी के गोठ': रेडियो से मिलेगी आत्मनिर्भरता की नई उड़ान

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का संदेश- बिहान योजना से बनीं हजारों 'लखपति दीदी', अब हर घर पहुंचेगी सफलता की कहानी

सूरजपुर। ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में नया अध्याय जुड़ गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत 'दीदी के गोठ' रेडियो कार्यक्रम लॉन्च किया। यह पहल स्व-सहायता समूहों की दीदियों को शासन की योजनाओं से जोड़कर स्वरोजगार के रास्ते दिखाएगी।जनपद पंचायत सूरजपुर के सभाकक्ष में जिला स्तरीय लॉन्चिंग कार्यक्रम धूमधाम से हुआ। जिला पंचायत सीईओ विजेंद्र सिंह पाटले मुख्य अतिथि रहे। यहां बिहान के नोडल अधिकारी संतोष शर्मा, जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, NRLM से दिलीप कुमार एक्का, मो. नसीम, BPM माधुरी भंडारी समेत संकुल संगठनों के पदाधिकारी, जनपद स्टाफ, पीआरपी, कैडर और बड़ी संख्या में स्व-सहायता समूहों की दीदियां जुटीं। पूरे जिले के 24 संकुल स्तरीय संगठनों में भी यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। बहरहाल यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगा, जहां सफलता की असली कहानियां रेडियो की लहरों पर सवार होकर लाखों जिंदगियों को रोशन करेंगी।

 सीएम और केंद्रीय मंत्री का उत्साह: महिलाओं की आवाज हर घर पहुंचेगी

शुभारंभ पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने वीडियो संदेश में कहा- 'दीदी के गोठ' जैसी अनोखी पहल महिलाओं की आवाज को गांव-गांव तक पहुंचाएगी। सीएम ने बताया कि बिहान योजना ने छत्तीसगढ़ में हजारों महिलाओं का जीवन बदला है। कई दीदियां अब 'लखपति दीदी' बन चुकी हैं, जो परिवार और समाज को नई दिशा दे रही हैं।

जिला पंचायत सीईओ श्री पाटले बोले- परिश्रम से बदल रही समाज की तस्वीर

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सीईओ श्री विजेन्द्र सिंह पाटले ने कहा, 'दीदी के गोठ' का मकसद ग्रामीण महिलाओं को योजनाओं से जोड़ना और आत्मनिर्भर बनाना है। स्व-सहायता समूहों की दीदियां अपने मेहनत से न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे समाज को मजबूत कर रही हैं।

 प्रेरणा की कहानियां रेडियो पर: कठिनाइयों को हराकर बनीं सफल

इस रेडियो शो में स्व-सहायता समूहों की उन सफल दीदियों की कहानियां प्रसारित होंगी, जिन्होंने चुनौतियों को मात देकर आर्थिक मजबूती और सामाजिक पहचान हासिल की। ये कहानियां अन्य महिलाओं को हौसला देंगी और आत्मनिर्भरता की राह पर चलने को प्रेरित करेंगी। अब हर गांव, हर घर तक इन दीदियों की आवाज पहुंचेगी, जो ऊर्जा का स्रोत बनेगी।