पुणे-रिटायर्ड बुजुर्ग की डिजिटल अरेस्ट के बाद सदमें में मौत:ठगों ने CBI अधिकारी बनकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाया, ₹1.20 करोड़ ट्रांसफर कराए

पुणे-रिटायर्ड बुजुर्ग की डिजिटल अरेस्ट के बाद सदमें में मौत:ठगों ने CBI अधिकारी बनकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाया, ₹1.20 करोड़ ट्रांसफर कराए
पुणे में रहने वाले 83 साल के रिटायर्ड सरकारी अधिकारी की डिजिटल अरेस्ट के बाद गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। कुछ हफ्ते पहले ही साइबर अपराधियों ने उनके साथ करीब 1.20 करोड़ रुपए की ठगी की थी। दरअसल, अगस्त में बुजुर्ग को फोन आया कि कॉलर मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन से बोल रहा है। कॉलर ने कहा कि बुजुर्ग का नाम बड़े बिजनेसमैन नरेश गोयल से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग केस में आया है। हालांकि, बुजुर्ग ने इन आरोप से इनकार किया, लेकिन फिर उन्हें वीडियो कॉल पर जोड़ा गया। वीडियो कॉल पर दो लोगों ने खुद को IPS अधिकारी विजय खन्ना और CBI अधिकारी दया नायक बताया। उन्होंने बुजुर्ग और उनकी पत्नी को धमकाया कि दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद दंपती को घंटों वीडियो कॉल पर रखा गया और कहा गया कि वे डिजिटल अरेस्ट में हैं। जांच के बहाने रकम ट्रांसफर कराई ठगों ने बैंक खातों की जांच करने का बहाना बनाया और अगस्त 16 से 17 सितंबर के बीच दंपति से करीब 1.20 करोड़ रुपए अलग-अलग खातों में जमा करा लिए। उन्होंने कहा कि नाम साफ होने के बाद पैसे लौटा दिए जाएंगे। जब दंपति को शक हुआ तो साइबर पुलिस ने उन्हें FIR दर्ज कराने को कहा। दंपति ने कहा कि वे अपनी बेटी के विदेश से आने के बाद ही शिकायत करेंगे। हफ्ते भर बाद पत्नी और बेटी पुलिस के पास पहुंचीं और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसके कुछ दिन बाद बुजुर्ग की हार्ट अटैक से मौत हो गई।