बेलसोता नाला पुल की जर्जर हालत से ग्रामीणों की मुश्किलें होगी कम, सांसद चिंतामणि महाराज की पहल से वैकल्पिक व्यवस्था शुरू
सूरजपुर, 27 जुलाई 2025। जिला मुख्यालय को कैलाशपुर और राजापुर से जोड़ने वाला बेलसोता नाला पुल अपनी जर्जर स्थिति के कारण ग्रामीणों के लिए खतरे का सबब बन गया है। लगभग 22 वर्ष पुराना यह पुल, जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत निर्मित है, लगातार बारिश के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। पुल में गहरी दरारें और दो पायों में क्रैक के साथ नींव धंसने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। यह पुल राजापुर और आसपास के दर्जनों गांवों को सूरजपुर-अंबिकापुर मार्ग से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी है, लेकिन अब यह जोखिम का पर्याय बन चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी खस्ता हालत के कारण आवागमन में भारी परेशानी हो रही है, खासकर स्कूली बच्चों और मरीजों के लिए स्थिति गंभीर हो गई है। बहरहाल सांसद चिंतामणि महाराज और अंकित दुबे की पहल के बाद वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर तेजी से काम शुरू करने की तैयारी में हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि इन प्रयासों से उनकी तात्कालिक समस्याओं का समाधान होगा। साथ ही, वे सरकार से इस पुल के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालिक योजना की मांग कर रहे हैं, ताकि क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों की रीढ़ माने जाने वाले इस पुल का जोखिम खत्म हो सके। कुलमिलाकर ग्रामीणों ने कहा सांसद जी और अंकित दुबे के प्रयासों से हमें राहत मिली है, लेकिन हम चाहते हैं कि इस पुल का स्थायी समाधान हो, ताकि हमें रोजाना खतरे का सामना न करना पड़े।
सांसद चिंतामणि महाराज की प्रभावी पहल
ग्रामीणों की परेशानियों की जानकारी मिलते ही सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने त्वरित संज्ञान लिया। उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से ग्रामीणों से सीधा संवाद स्थापित किया और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। इस दौरान सांसद ने ग्रामीणों की मांगों को प्राथमिकता देते हुए त्वरित वैकल्पिक व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उनके नेतृत्व और त्वरित निर्णय ने ग्रामीणों में राहत और विश्वास की भावना जगाई। सांसद ने स्कूली बच्चों की आवाजाही में हो रही दिक्कतों को देखते हुए गांव में ही अस्थाई विद्यालय शुरू करने और बासेनपारा रोड की स्थिति सुधारने के लिए डब्ल्यू बीएम तकनीक से मुरम डालने सहित अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का आदेश दिया।
युवा भाजपा नेता अंकित दुबे की सक्रिय भूमिका
इस पूरे घटनाक्रम में युवा भाजपा नेता अंकित दुबे की भूमिका अत्यंत प्रभावी रही। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सांसद तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और सांसद के साथ संवाद स्थापित कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की। अंकित दुबे ने ग्रामीणों के बीच रहकर उनकी परेशानियों को समझा और उन्हें राहत दिलाने के लिए दिन-रात प्रयास किए। उनकी सक्रियता और समन्वय ने इस पहल को गति प्रदान की, जिसके लिए ग्रामीणों ने उनकी जमकर सराहना की।
ग्रामीणों की मौजूदगी और मांगें
सांसद के साथ वीडियो कॉल के दौरान सरपंच अमर सिंह, उप सरपंच नेतलाल राजवाड़े, रामशरण यादव, संतोष राजवाड़े,दिलेश्वर प्रजापति, मोहरलाल, प्रकाश प्रजापति, पुस्पाल राजवाड़े, डीकेस प्रजापति, महेश राजवाड़े,दुधनाथ राजवाड़े सहित अन्य ग्रामीणों की सक्रिय मौजूदगी रही। इन ग्रामीणों ने पुल की जर्जर हालत, आवागमन में बाधा और बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहे असर को प्रमुखता से उठाया। ग्रामीणों ने सांसद से न केवल तात्कालिक राहत, बल्कि पुल के पुनर्निर्माण या मरम्मत के लिए स्थायी समाधान की मांग भी की।
वैकल्पिक व्यवस्थाओं का निर्देश
सांसद चिंतामणि महाराज ने ग्रामीणों की मांगों को ध्यान में रखते हुए त्वरित राहत के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों की पढ़ाई सुचारू रखने के लिए गांव में अस्थाई विद्यालय शुरू करने का आदेश दिया। साथ ही, बासेनपारा रोड की मरम्मत के लिए डब्ल्यू बीएम तकनीक से मुरम डालने और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश दिए। इन कदमों से आवागमन सुगम होने के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
ग्रामीणों ने जताया आभार, मगर स्थायी समाधान की उम्मीद
ग्रामीणों ने सांसद चिंतामणि महाराज और अंकित दुबे के त्वरित प्रयासों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। सरपंच अमर सिंह ने कहा, “सांसद जी और अंकित दुबे ने हमारी बात को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई शुरू की, यह हमारे लिए बड़ी राहत है।” हालांकि, ग्रामीणों ने जोर देकर कहा कि अस्थाई व्यवस्थाओं के साथ-साथ पुल के पुनर्निर्माण या सुदृढ़ीकरण के लिए स्थायी समाधान भी जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी परेशानियों से बचा जा सके।