सुपोषित सरगुजा और मुख्यमंत्री अन्नकोष योजना का आगाज: 9500 बच्चों और 459 पहाड़ी कोरवा महिलाओं को मिलेगा पोषण का तोहफा

सुपोषित सरगुजा और मुख्यमंत्री अन्नकोष योजना का आगाज: 9500 बच्चों और 459 पहाड़ी कोरवा महिलाओं को मिलेगा पोषण का तोहफा
सुपोषित सरगुजा और मुख्यमंत्री अन्नकोष योजना का आगाज: 9500 बच्चों और 459 पहाड़ी कोरवा महिलाओं को मिलेगा पोषण का तोहफा

अम्बिकापुर, 01 अगस्त 2025।जिला प्रशासन की अनूठी पहल से सरगुजा अब कुपोषण के खिलाफ जंग में नया इतिहास रचने को तैयार है। कलेक्टर श्री विलास भोसकर के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग ने आज "सुपोषित सरगुजा अभियान" और "मुख्यमंत्री अन्नकोष योजना" का शुभारंभ किया। जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) के सहयोग से शुरू ये योजनाएं कुपोषण को जड़ से खत्म करने और विशेष पिछड़ी जनजातियों की जिंदगी में नया उजाला लाने का वादा करती हैं।कुलमिलाकर "सुपोषित सरगुजा अभियान" और "मुख्यमंत्री अन्नकोष योजना" सरगुजा के बच्चों और महिलाओं के लिए नई उम्मीद की किरण लेकर आई हैं। यह पहल न सिर्फ पोषण सुनिश्चित करेगी, बल्कि एक स्वस्थ और सशक्त समाज की नींव भी रखेगी।

9500 बच्चों के लिए सुपोषित सरगुजा अभियान

जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 6 माह से 6 वर्ष तक के करीब 9500 कुपोषित बच्चों को अब सप्ताह में छह दिन अतिरिक्त पोषण आहार मिलेगा। यह व्यवस्था टेक होम राशन और गरम भोजन योजनाओं के पूरक के रूप में शुरू की गई है। बच्चों को सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को अंडा या केला, जबकि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को भुने चने का सत्तू और गुड़ प्रदान किया जाएगा। इस पहल का मकसद बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और उनके शारीरिक-मानसिक विकास को गति देना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान कुपोषण के खिलाफ जंग में मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री अन्नकोष: पहाड़ी कोरवा महिलाओं को पौष्टिक आहार

विशेष पिछड़ी जनजाति समूह की 459 पहाड़ी कोरवा महिलाओं के लिए शुरू की गई "मुख्यमंत्री अन्नकोष योजना" गर्भवती और शिशुवती माताओं के लिए वरदान बनेगी। इसमें 214 गर्भवती और 245 शिशुवती महिलाओं को हर माह 1 किलोग्राम चना और 1 किलोग्राम मूंग दाल मुफ्त दी जाएगी। साथ ही, उन्हें इन खाद्यान्नों के उपयोग और पकाने की विधियों की जानकारी भी दी जाएगी। वर्तमान में इन महिलाओं को सप्ताह में 900 ग्राम रेडी-टू-ईट पैकेट मिलता है, जो पोषण की जरूरतों को पूरा करने में अपर्याप्त है। खासकर शिशुओं के लिए स्तनपान पर निर्भरता के दौरान यह योजना माताओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगी।

पीएम जनमन के लक्ष्यों को गति

यह अभियान प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम जनमन) के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कलेक्टर श्री भोसकर ने बताया कि यह पहल न केवल कुपोषण को खत्म करेगी, बल्कि जिले के आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाएगी।