गेरसा जलाशय का बांध अचानक धंसा:करीब 30 एकड़ फसल डूबने की कगार पर, किसान बेहाल, प्रशासन अलर्ट

गेरसा जलाशय का बांध अचानक धंसा:करीब 30 एकड़ फसल डूबने की कगार पर, किसान बेहाल, प्रशासन अलर्ट
गेरसा जलाशय का बांध अचानक धंसा:करीब 30 एकड़ फसल डूबने की कगार पर, किसान बेहाल, प्रशासन अलर्ट

अम्बिकापुर। जिले के लुंड्रा विकासखंड में ग्राम पंचायत गेरसा का जलाशय शनिवार सुबह अचानक खतरे में पड़ गया। बांध का एक हिस्सा करीब 3 मीटर चौड़ा होकर धंस गया और तेज धार से पानी बहने लगा। चरवाहों की सतर्कता से बड़ा हादसा टला, लेकिन नीचे बसे खेतों में 30 एकड़ फसल डूबने का खतरा मंडरा रहा है। किसान अपनी धान और सब्जियों की फसलों को लेकर चिंतित हैं, जबकि ग्रामीण दहशत में हैं। प्रशासन ने इलाके को अलर्ट कर दिया है। तकरीबन सुबह 9 बजे जब चरवाहे मवेशी चराने जंगल की ओर जा रहे थे, तभी उन्हें पानी की असामान्य हलचल और तेज आवाज सुनाई दी। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि बांध के साइड गेट के पास मिट्टी खिसककर बड़ा गड्ढा बन गया है। चरवाहों ने फौरन गांव में खबर फैलाई, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने बताया कि अगर समय रहते सूचना न मिलती, तो बड़ा नुकसान हो सकता था।जल संसाधन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तेज जलप्रवाह और लगातार मिट्टी कटाव के कारण बचाव कार्य शुरू नहीं हो सका। टीम की प्राथमिक जांच में सामने आया कि अगर रिसाव इसी रफ्तार से जारी रहा, तो बांध का और बड़ा हिस्सा टूट सकता है। 1991-92 में बने इस डैम की हालत अब जर्जर हो चुकी है, जिसकी वजह से स्थानीय विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि तुरंत उपाय न किए गए तो पूरा बांध तबाह हो सकता है। इससे न सिर्फ फसलें बर्बाद होंगी, बल्कि आसपास के गांवों में जलभराव और जान-माल का खतरा बढ़ जाएगा।

कलेक्टर विलास भोसकर ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि पानी कम होने का इंतजार किया जा रहा है, उसके बाद ही कटे हिस्से को बांधने का काम शुरू होगा। फिलहाल, विभाग के कर्मचारी हालात पर नजर रखे हुए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई और स्थायी समाधान की मांग की है। वे कहते हैं, "यह डैम हमारी जीविका का आधार है, इसे बचाना जरूरी है।"

बहरहाल क्षेत्र में डर का माहौल है। प्रशासन ने आसपास के गांवों को सतर्क रहने की अपील की है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अगर बांध पूरी तरह टूटा, तो इसका असर सैकड़ों परिवारों पर पड़ेगा। दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची और पाया कि किसान अपनी फसलों को बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। आगे क्या होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।