तीज का पर्व : छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव, मातृशक्ति को सम्मान - मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े
अम्बिकापुर में तीज मिलन सह सम्मान समारोह में उमड़ा उत्साह, उत्कृष्ट महिलाओं का हुआ सम्मान
अम्बिकापुर, 21 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और पारिवारिक परंपराओं का प्रतीक तीज पर्व अम्बिकापुर में भव्य उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। स्नातकोत्तर महाविद्यालय के आडिटोरियम में प्रवेक्षक संघ द्वारा आयोजित तीज मिलन सह सम्मान समारोह में महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर आयोजित रंगारंग कार्यक्रम ने उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा, "तीज का पर्व न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह मातृशक्ति के सम्मान और उनके अमूल्य योगदान को रेखांकित करता है। यह उत्सव महिलाओं की एकजुटता, उत्साह और सामाजिक एकता का जीवंत उदाहरण है।" उन्होंने आगे जोड़ा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध है। "राज्य शासन की योजनाएँ और नीतियाँ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही हैं," उन्होंने गर्व के साथ कहा।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निरूपा सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया, अम्बिकापुर की महापौर श्रीमती मंजुषा भगत, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष श्रीमती फुलेश्वरी सिंह, भाजपा नेत्री श्रीमती अरूणा सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि, संगठन के पदाधिकारी और विभागीय कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समारोह में प्रवेक्षक संघ ने समाज में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया, जिसे उपस्थित लोगों ने उत्साहपूर्वक सराहा।मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने सम्मानित महिलाओं को बधाई देते हुए कहा, "ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और शासन-प्रशासन को जनता के और करीब लाते हैं। यह मंच न केवल हमारी परंपराओं को जीवित रखता है, बल्कि नई पीढ़ी को हमारी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का भी कार्य करता है।"
कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और तीज से जुड़े पारंपरिक गीतों ने समारोह को और भी यादगार बना दिया। उपस्थित महिलाओं ने तीज के रंग में रंगकर इस उत्सव को उत्साह और भाईचारे के साथ मनाया। यह आयोजन न केवल तीज की परंपराओं को जीवंत करने में सफल रहा, बल्कि सामाजिक एकता और महिला सशक्तिकरण के संदेश को भी प्रभावी ढंग से प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।