खेतों में श्री विधि से धान रोपाई: वाटरशेड ट्रस्ट की पहल से किसानों को नई राह
ओड़गी, 05 अगस्त 2025 । वाटरशेड आर्गेनाइजेशन ट्रस्ट ने चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र के सोलह ग्रामों में सौ किसानों के खेतों में चावल संघनिकरण विधि (श्री विधि) से धान की रोपाई का शानदार प्रदर्शन किया। यह नवाचार न केवल धान की उत्पादकता बढ़ाने में कारगर है, बल्कि जलवायु अनुकूल और संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में भी एक क्रांतिकारी कदम है। उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी अनुसार इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक किसान को 1 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता का धान बीज, अम्बिका पैड्डी वीडर, और पीला चिपचिपा ट्रैप उपलब्ध कराया गया। श्री विधि की खासियत है कि इसमें कम बीज, कम पानी, और कम लागत के साथ अधिक पैदावार प्राप्त होती है। यह तकनीक न केवल खेती को किफायती बनाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है। वाटरशेड ट्रस्ट ने किसानों को श्री विधि के गुर सिखाने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए। इस प्रशिक्षण में किसानों को इस तकनीक के वैज्ञानिक पहलुओं, खेती की प्रक्रिया, और इसके दीर्घकालिक लाभों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस विधि को अपनाने की इच्छा जताई। कुलमिलाकर वाटरशेड आर्गेनाइजेशन ट्रस्ट की यह पहल न केवल किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के दौर में सतत खेती को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। कम पानी और संसाधनों का उपयोग कर यह विधि पर्यावरण के अनुकूल खेती का एक बेहतरीन उदाहरण है। इस प्रदर्शन ने न केवल चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र के किसानों में उत्साह भरा, इससे आसपास के क्षेत्रों में भी इस तकनीक को अपनाने की प्रेरणा दी है। वाटरशेड ट्रस्ट की इस पहल से निश्चित रूप से क्षेत्र में कृषि क्रांति की नींव रखी गई है, जो किसानों की समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
किसानों के लिए वरदान साबित होगी श्री विधि
श्री विधि के तहत धान की रोपाई में पौधों को एक निश्चित दूरी पर व्यवस्थित ढंग से लगाया जाता है, जिससे प्रत्येक पौधे को पर्याप्त पोषण, पानी, और सूर्य प्रकाश मिलता है। इससे न केवल पैदावार बढ़ती है, बल्कि खरपतवार और कीटों का प्रबंधन भी आसान हो जाता है। इस विधि में पारंपरिक खेती की तुलना में 50% तक कम बीज और 30-40% कम पानी की आवश्यकता होती है।
किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कदम
वाटरशेड ट्रस्ट के इस प्रयास से चांदनी के किसानों में नई उम्मीद जगी है। स्थानीय किसान ने बताया, "श्री विधि से खेती करने से मेरी लागत कम हुई और पैदावार में वृद्धि की उम्मीद है। यह हमारे लिए एक नई शुरुआत है।