विकास की बयार: जनसेवा को समर्पित जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि पैकरा बनीं उम्मीदों की आवाज, सूखे गांवों में बहने लगा पानी

विकास की बयार: जनसेवा को समर्पित जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि पैकरा बनीं उम्मीदों की आवाज, सूखे गांवों में बहने लगा पानी
विकास की बयार: जनसेवा को समर्पित जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि पैकरा बनीं उम्मीदों की आवाज, सूखे गांवों में बहने लगा पानी

सूरजपुर।वक्त बदल रहा है और इसके साथ ही बदल रहा है ग्रामीण क्षेत्रों का चेहरा। कभी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते गांवों में अब विकास की गूंज सुनाई देने लगी है। इस बदलाव के केंद्र में हैं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि पैकरा, जिन्होंने न सिर्फ विकास को जमीन पर उतारा है, बल्कि आम जनता के बीच 'अपनी' नेता के रूप में नई पहचान भी बनाई है।क्षेत्र की जनता के लिए श्रीमती चंद्रमणि पैकरा सिर्फ एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि संघर्ष के समय में उम्मीद की एक मजबूत दीवार बनकर सामने आई हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो सरकारी व्यवस्था भी आम लोगों की समस्याओं का समाधान बन सकती है। कुलमिलाकर ग्रामीण अब उन्हें एक नेता नहीं, अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। उनका व्यवहार, संवेदनशीलता और निर्णय लेने की गति ने उन्हें आम जनता के बीच विशेष दर्जा दिलाया है।

गांव-गांव जाकर जाना दर्द, प्राथमिकता में रखा समाधान

जिला पंचायत सदस्य के रूप में चुने जाने के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने क्षेत्र का दौरा शुरू कर दिया। पक्के कागजों और फाइलों से दूर, उन्होंने ग्रामीणों की आंखों में झाँककर उनकी समस्याएं सुनीं। जहां कहीं ट्रांसफॉर्मर वर्षों से खराब थे, वहां बिजली बहाल कराई गई। जिन गांवों में पानी का एक-एक बूंद तरसाता था, वहां नल बहने लगे हैं।

ग्राम बंशीपुर में बरसों बाद बजी राहत की घंटी

बंशीपुर के नाका पारा, वार्ड क्रमांक 4 में कई सालों से गर्मियों का मतलब था – पानी के लिए संघर्ष। टैंकर के इंतजार में सुबह से शाम और खाली बर्तनों की लंबी कतारें। ग्रामीणों की फरियादें अधिकारियों तक तो पहुंचती थीं, लेकिन समाधान नहीं होता था।जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि पैकरा ने इसे चुनौती के रूप में लिया। “पानी सबसे पहली ज़रूरत है, और इससे किसी को वंचित नहीं रहने देंगे,” उन्होंने कहा। नतीजा – क्षेत्र में ट्यूबवेल खुदवाया गया और आज नाका पारा की धरती से राहत का पानी फूट रहा है।

“ये गर्मी अब आसान होगी, हमारी दीदी ने दिया है तोहफा” – ग्रामीणों की भावुक प्रतिक्रिया

पानी की पहली धार निकलते ही गांव में उत्सव जैसा माहौल बन गया। महिलाओं ने थाली बजाकर खुशी जताई, बुजुर्गों ने हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया। ग्रामीणों ने कहा, “हमने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन चंद्रमणि दीदी ने हमें फिर से भरोसा दिया है। यह पानी नहीं, हमारे लिए जीवनदायिनी सौगात है।”

तेजी से पहुंचा रही हैं शासन की योजनाओं का लाभ

श्रीमती चंद्रमणि पैकरा के नेतृत्व में शासकीय योजनाएं अब कागजों से निकलकर पात्र हितग्राहियों तक पहुंच रही हैं। पेंशन योजना हो, आवास हो या पेयजल मिशन – उनका जोर यह सुनिश्चित करने पर है कि कोई भी ज़रूरतमंद योजना से वंचित न रहे।

"हर घर तक विकास पहुँचाना मेरा संकल्प है" – श्रीमती चंद्रमणि पैकरा

उन्होंने कहा, “मेरी जिम्मेदारी सिर्फ कुर्सी तक सीमित नहीं है। मैं जनता की प्रतिनिधि हूँ, उनकी हर पीड़ा मेरी अपनी है। जब तक क्षेत्र का हर नागरिक बुनियादी सुविधाओं से जुड़ नहीं जाता, तब तक चैन से नहीं बैठूंगी।”