समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में किसान बेहाल: सहूलियत के निर्देश कागज़ों में, केंद्रों पर शोषण चरम पर
सूरजपुर। जिला प्रशासन के तमाम दावों और बैठकों में जारी निर्देशों के बावजूद जिले में समर्थन मूल्य पर चल रही धान खरीदी की जमीनी हकीकत बेहद निराशाजनक है। किसानों की सहूलियत के लिए कलेक्टर सहित जिला प्रशासन द्वारा बार-बार दिशा-निर्देश दिए गए, लेकिन भौतिक धरातल पर उनका असर नजर नहीं आ रहा है।जिले के कई धान खरीदी केंद्रों पर सहकारी समितियों के प्रबंधकों द्वारा किसानों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के बजाय उनसे ही वारदाना भरवाना, धान तौलवाना और बोरा पलटी जैसे कार्य कराए जा रहे हैं। मजबूरी में किसान अपनी उपज बेचने के लिए यह सब सहन कर रहे हैं और खामोशी से शोषण झेलने को विवश हैं।सबसे खराब हालात सोनपुर, शिवप्रसादनगर, टमकी और नवाटोला धान खरीदी केंद्रों में देखे जा रहे हैं, जहां व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा चुकी हैं। यहां न तो बैठने की उचित व्यवस्था है और न ही पारदर्शी ढंग से खरीदी की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।गौर करने वाली बात यह है कि धान खरीदी शुरू हुए एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, जबकि शासन के निर्देशानुसार हर 15 दिनों में केंद्रों का भौतिक सत्यापन किया जाना अनिवार्य है। इसके बावजूद अब तक जिला प्रशासन की ओर से किसी भी केंद्र के भौतिक सत्यापन की सार्वजनिक जानकारी सामने नहीं आई है।इसके साथ ही कई केंद्रों पर धान का स्टैक जानबूझकर आड़ा-तिरछा लगाया गया है, जिससे सही गिनती संभव नहीं हो पा रही और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह स्थिति खरीदी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े कर रही है।इन तमाम अव्यवस्थाओं से परेशान किसानों ने जिला प्रशासन के साथ-साथ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के अध्यक्ष रामकिशुन सिंह से धान खरीदी केंद्रों पर किसानों के हितों की सुरक्षा, शोषण पर रोक और आवश्यक सुविधाएं तत्काल मुहैया कराने की मांग की है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो वे मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाने को विवश होंगे।