स्काउट-गाइड कैंप का धमाकेदार समापन: बच्चों ने सीखी अनुशासन और सेवा की अनमोल कला

स्काउट-गाइड कैंप का धमाकेदार समापन: बच्चों ने सीखी अनुशासन और सेवा की अनमोल कला
स्काउट-गाइड कैंप का धमाकेदार समापन: बच्चों ने सीखी अनुशासन और सेवा की अनमोल कला

सूरजपुर। जिले की प्रमुख शिक्षण संस्था साधु राम विद्या मंदिर में 26 से 28 सितंबर तक चला तीन दिवसीय द्वितीय सोपान स्काउट्स-गाइड्स शिविर हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। विद्यालय प्रांगण में आयोजित समापन समारोह में डायरेक्टर राहुल अग्रवाल और एसएससी समिति के चेयरमैन सुनील कुमार अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि प्राचार्य प्रभाकर उपाध्याय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस आवासीय कैंप में 4 स्काउट दल और 1 गाइड दल के बच्चों ने हिस्सा लिया,जहां सुबह 6 बजे व्यायाम से लेकर रात के कैंप फायर तक की गतिविधियों ने उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाया।

कैंप की खासियत: गांठ बांधने से लेकर आपदा प्रबंधन तक

शिविर में बच्चों ने गांठ बांधने की तकनीक, आपदा में स्कार्फ का इस्तेमाल, सहयोग और सेवा भावना जैसी उपयोगी स्किल्स सीखीं। सबसे अहम, उन्होंने अनुशासन और संतुलित जीवन जीने की कला को अपनाया। पहले दिन प्राचार्य प्रभाकर उपाध्याय ने ध्वजारोहण कर शुभारंभ किया। मुख्य प्रशिक्षक ओमेश गुर्जर के नेतृत्व में सहायक प्रशिक्षक सुरेश कुमार, संजय सिदार, संगीता यादव और सोन कुवर ने स्काउटिंग का इतिहास, उद्देश्य और अनुशासन की महत्ता बताई।

स्वयंसेवा से बढ़ा जिम्मेदारी का भाव

खास बात यह रही कि शिविरार्थियों ने विद्यालय के प्रसिद्ध एसआरवीएम डांडिया महोत्सव में स्वयंसेवक बनकर सेवाएं दीं, जिससे उनमें सेवा और जिम्मेदारी की भावना मजबूत हुई। सूरजपुर के एसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने कैंप की सराहना की और गरबा नाइट में बच्चों की ड्यूटी देखकर प्रभावित हुए। उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा, "ऐसे शिविर युवा पीढ़ी को मजबूत बनाते हैं।"

समापन में प्रेरक संदेश: बनो आदर्श नागरिक

समापन समारोह में राहुल अग्रवाल और सुनील कुमार अग्रवाल ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, "शिविर में सीखी हर बात जीवन का हिस्सा बने। इन आदर्शों को अपनाकर ही आप समाज में अनुशासित नागरिक बन सकेंगे।" अभिभावकों ने भी विद्यालय की तारीफ की और ऐसे रचनात्मक कैंप नियमित आयोजित करने का अनुरोध किया। यह शिविर न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।