धान बिक्री का नया दौर: एग्रीस्टेक पंजीयन अनिवार्य, 30 अगस्त तक बनवाएं यूनिक फार्मर कार्ड

सूरजपुर, 30 जुलाई 2025। किसानों के लिए एक नई डिजिटल क्रांति की शुरुआत हो चुकी है! राज्य शासन ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीदी को पारदर्शी और सुगम बनाने हेतु एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान पंजीयन को अनिवार्य कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी पहल के तहत जिले के सभी किसानों को 30 अगस्त 2025 तक पोर्टल पर पंजीकरण कराकर 11 अंकों की विशिष्ट फार्मर आईडी प्राप्त करनी होगी। यह यूनिक आईडी न केवल समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए जरूरी है, बल्कि फसल बीमा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की आगामी किश्त और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी अनिवार्य है।
एग्रीस्टेक: किसानों के लिए डिजिटल सशक्तिकरण
भारत सरकार द्वारा विकसित एग्रीस्टेक पोर्टल एक डिजिटल मंच है, जो किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उनकी खेती को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखता है। यह पोर्टल किसानों का व्यापक डेटाबेस तैयार करता है, जिसमें उनकी पहचान, भूमि रिकॉर्ड, फसल विवरण, वित्तीय जानकारी और बीमा इतिहास शामिल होता है। पंजीयन के बाद किसानों को मिलने वाली 11 अंकों की फार्मर आईडी आधार की तरह उनकी डिजिटल पहचान होगी, जो दोहराव को खत्म कर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। किसान इस पोर्टल पर स्वयं पंजीयन कर सकते हैं या अपने नजदीकी प्राथमिक सहकारी समिति, लोक सेवा केंद्र या ऑनलाइन माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में बी-1 पुस्तिका, आधार कार्ड और आधार से लिंक मोबाइल नंबर शामिल हैं, जिसके जरिए ई-केवाईसी सत्यापन होगा।
इस कारण जरूरी है समय पर पंजीयन..
राज्य शासन ने स्पष्ट किया है कि 30 अगस्त 2025 की समय-सीमा के बाद बिना पंजीयन के किसान धान बिक्री, फसल बीमा या पीएम किसान सम्मान निधि जैसे लाभों से वंचित रह सकते हैं। यह व्यवस्था किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शी और त्वरित तरीके से दिलाने के लिए शुरू की गई है। इसके लिए एकीकृत किसान पोर्टल विकसित किया गया है, जो कृषि, खाद्य और राजस्व विभाग के बीच समन्वय को मजबूत करता है।
इस तरह काम करेगा यह सिस्टम
-डेटा एकीकरण: खाद्य विभाग धान खरीदी के लिए एग्रीस्टेक फार्मर रजिस्ट्री से डेटा लेगा, जो पूरी तरह ई-केवाईसी आधारित होगा।
भुईयां पोर्टल से जोड़: राजस्व विभाग के भुईयां पोर्टल में दर्ज भूमि और गिरदावरी रिकॉर्ड को आधार सीडिंग के जरिए एकीकृत किया जा रहा है।
-सहकारी समितियों की भूमिका: सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 1 जुलाई से 31 अक्टूबर तक पंजीयन और फसल रकबे के संशोधन को प्राथमिकता दें।
एग्रीस्टेक के लाभ: किसानों का सुनहरा भविष्य
-एकीकृत डेटाबेस: किसानों की पहचान, भूमि और फसल का डेटा एक ही मंच पर।
- आसान वित्तीय सुविधाएं: किफायती ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं तक पहुंच।
- जोखिम प्रबंधन: कीट, सूखा, बाढ़ जैसी आपदाओं की स्थानीयकृत चेतावनी।
- निजी क्षेत्र से अवसर: अधिक विकल्पों के साथ किसानों की आय में वृद्धि।
- पारदर्शिता: ई-केवाईसी आधारित पंजीयन से दोहराव और धोखाधड़ी पर रोक।
जिला प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि पंजीयन और आधार सीडिंग के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए समय-सीमा में पूरा करें। किसानों से अपील है कि वे इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनें और 30 अगस्त तक पंजीयन कराकर अपनी खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।