जिला खनिज न्यास शासी परिषद की बैठक सम्पन्न जनप्रतिनिधियों ने दिए बहुमूल्य सुझाव, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता एवं पेयजल को प्राथमिकता
सूरजपुर, 30 अप्रैल 2025। जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) शासी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन ने की। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया, वहीं सांसद श्री चिंतामणि महाराज, प्रेमनगर विधायक श्री भूलन सिंह मरावी, प्रतापपुर विधायक श्रीमती शकुंतला सिंह पोर्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणी देवपाल सिंह पैकरा, जिला पंचायत सदस्य श्री लवकेश पैकरा, नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री शैलेष अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
विकास की दिशा में अहम निर्णय
बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 की सेक्टरवार कार्ययोजना, विभिन्न नियुक्तियों, ग्राम पंचायतों से नामांकित सदस्यों के अनुमोदन, रिक्त पदों की भर्ती, खनन प्रभावित ग्रामों की सूची, वर्षवार कार्यों की प्रगति समीक्षा, 2023-24 की ऑडिट और वार्षिक रिपोर्ट, निरस्त कार्यों के अनुमोदन, व डीएमएफ निधियों के उपयोग जैसे अनेक अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।कलेक्टर श्री जयवर्धन ने कहा कि खनिज न्यास की राशि का उपयोग पूरी पारदर्शिता के साथ जिले के समग्र विकास के लिए किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधियों के सुझावों को प्राथमिकता में रखा जाएगा ताकि योजनाएं जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू हों।
सशक्त बुनियादी सुविधाओं पर जोर
बैठक में सदस्यों ने विशेष रूप से सशक्त पेयजल व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि विकास, स्वच्छता और महिला-बाल कल्याण को प्राथमिकता में शामिल करने का सुझाव दिया। खनिज न्यास की नोडल अधिकारी श्रीमती चांदनी कंवर ने एजेंडा के प्रमुख बिंदुओं पर तकनीकी व योजनागत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के अंतर्गत पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार, महिला-बाल कल्याण, कृषि, पशुपालन आदि गतिविधियों को शामिल किया गया है।
आवश्यक ढांचागत विकास को भी मिलेगा बढ़ावा
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों—जैसे कि भौतिक अधोसंरचना, सिंचाई, ऊर्जा, जल विभाजक विकास आदि में भी योजनागत ढंग से राशि का व्यय किया जाएगा ताकि जिले के समग्र विकास को बल मिल सके।
प्रोजेक्टों को मिली कार्योत्तर स्वीकृति
बैठक में जिला ऑडिटोरियम में स्थापित 12.09 लाख रुपये की लागत के ट्रांसफार्मर तथा 8.80 लाख रुपये की आर्किटेक्ट फीस के भुगतान को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा वर्ष 2024-25 में निरस्त कार्यों के पुनः अनुमोदन और पूर्व वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट को भी मंजूरी मिली।
जनप्रतिनिधियों ने रखी ग्रामीण हितों की बात
सांसद व विधायकों सहित अन्य प्रतिनिधियों ने सुझाव दिए कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का सशक्तीकरण आवश्यक है। उन्होंने ग्रामीण अंचलों में स्वच्छ जल, सुलभ चिकित्सा सेवाएं, स्कूलों का उन्नयन और रोजगारपरक योजनाओं के विस्तार पर बल दिया।
न्यायसंगत और योजनाबद्ध विकास की दिशा में कदम
कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि सभी योजनाएं नियमानुसार, न्यायसंगत और लक्ष्य आधारित ढंग से लागू की जाएंगी ताकि जिले के सभी वर्गों को लाभ मिल सके।