मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने किया आंगनबाड़ी और स्कूल का औचक निरीक्षण
सूरजपुर 28 जून 2025। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने शहर के पंच मंदिर वार्ड में आंगनबाड़ी केंद्र और शासकीय प्राथमिक शाला का औचक निरीक्षण कर बच्चों के पोषण, शिक्षा और स्वच्छता की व्यवस्थाओं का गहन अवलोकन किया। सामाजिक सरोकार के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता के साथ उन्होंने बच्चों के बीच आत्मीय उपस्थिति दर्ज कराई, उनके सपनों को सुना और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प दोहराया।निरीक्षण के दौरान मंत्री ने आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की उपस्थिति, पोषण आहार की गुणवत्ता, टीकाकरण और पोषण ट्रैकर ऐप के उपयोग की बारीकी से जांच की। कुपोषण से जूझ रहे बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने कार्यकर्ताओं को नियमित निगरानी और गुणवत्तापूर्ण आहार सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। बच्चों से संवाद के दौरान उनकी मुस्कान और उत्साह को देखकर उन्होंने भावुक होकर कहा, “ये बच्चे हमारा भविष्य हैं। इनके स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर काम करना होगा।”
शासकीय प्राथमिक शाला में श्रीमती राजवाड़े ने शिक्षकों से पाठ्यक्रम की प्रगति, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और पुस्तकों के वितरण की जानकारी ली। बच्चों के साथ संवाद में उनकी सादगी और संवेदनशीलता झलकी, जब उन्होंने बच्चों से उनकी पढ़ाई, रुचियों और सपनों के बारे में पूछा। एक बच्चे ने डॉक्टर बनने की इच्छा जताई, तो उन्होंने उसे प्रोत्साहित करते हुए कहा, “सपने बड़े हों, मेहनत पूरी हो, तो कोई मंजिल दूर नहीं।”
मंत्री ने जोर देकर कहा, “मजबूत बचपन ही सशक्त समाज और राष्ट्र की नींव है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है।” उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी का आह्वान करते हुए स्थानीय समुदाय, शिक्षकों और अधिकारियों से बच्चों के कल्याण के लिए मिलकर काम करने की अपील की। साथ ही, नियमित निरीक्षण और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए अधिकारियों को तत्पर रहने का निर्देश दिया।
इस दौरे में जिला कार्यक्रम अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ), आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। श्रीमती राजवाड़े की यह पहल न केवल बच्चों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि सामाजिक सरोकार के साथ उनके नेतृत्व की संवेदनशीलता को भी रेखांकित करती है। यह दौरा ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और पोषण की बेहतरी के लिए एक प्रेरणादायी कदम साबित होगा।