सुर्खियों के बाद जागा बाल संरक्षण विभाग: निरीक्षण में सक्रियता, पर उदासीनता के सवाल बरकरार

सुर्खियों के बाद जागा बाल संरक्षण विभाग: निरीक्षण में सक्रियता, पर उदासीनता के सवाल बरकरार

सूरजपुर । बीते दिनों शहर में बाल भिक्षावृत्ति सुर्खियों में आने के बाद आखिरकार जिला बाल संरक्षण विभाग हरकत में आया। दफ्तर व विज्ञप्ति में सिमटी कवायद पर सवाल उठने के बाद विभागीय उदासीनता एक बार फिर चर्चा में रही, जिसके बीच जिला बाल संरक्षण अधिकारी और उनकी टीम ने शहर का निरीक्षण कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की।विज्ञप्ति के अनुसार कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी शुभम बंसल के मार्गदर्शन में बाल भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी रोकथाम के लिए सूरजपुर शहर की 25 दुकानों और प्रमुख चौक-चौराहों का निरीक्षण किया गया। इसमें होटल, किराना, मेडिकल स्टोर, पान दुकान, कपड़ा दुकान सहित अग्रसेन चौक, पुराना एवं नया बस स्टैंड, माता कर्मा चौक और सुभाष चौक शामिल रहे।निरीक्षण के दौरान कोई बच्चा भीख मांगता हुआ नहीं मिला, लेकिन शहर में लगातार देखे जाने वाले बच्चों की वास्तविक स्थिति को लेकर आम लोग विभाग की अचानक सक्रियता पर सवाल उठा रहे हैं। जनचर्चाओ में सवाल खड़े हो रहे हैं कि त्योहारों और विशेष अभियानों के अलावा विभाग की नियमित फील्ड विज़िट कम ही देखने को मिलती है—जिससे विभागीय उदासीनता की धारणा और मजबूत होती है।हालांकि, विभाग का कहना है कि दीपावली और कार्तिक एकादशी के दौरान भी अभियान चलाकर भिक्षावृत्ति में पाए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर समझाइश दी गई और उन्हें परिवार में पुनर्स्थापित किया गया।संचालनालय निर्देशों के अनुसार हर त्रैमास में 15 दिनों तक अभियान चलाए जाने का दावा किया गया है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन अभियानों की निरंतरता और प्रभावशीलता को लेकर अब भी प्रश्नचिह्न बने हुए हैं। बहरहाल विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि कहीं भी बच्चे को भिक्षावृत्ति करते या मजदूरी में लगे देखें, तो तत्काल 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन या जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल (मो. 9009382323) को सूचना दें।