सूरजपुर में अवैध राशन व धान पर कार्रवाई का ताबड़तोड़ सिलसिला: करीब 1000+ बोरे धान-चावल जब्त, सफेदपोशों की बारी कब-तक..?

सूरजपुर में अवैध राशन व धान पर कार्रवाई का ताबड़तोड़ सिलसिला: करीब 1000+ बोरे धान-चावल जब्त, सफेदपोशों की बारी कब-तक..?
सूरजपुर में अवैध राशन व धान पर कार्रवाई का ताबड़तोड़ सिलसिला: करीब 1000+ बोरे धान-चावल जब्त, सफेदपोशों की बारी कब-तक..?

सूरजपुर। जिले में पीडीएस प्रणाली के तहत राशन की अवैध खरीद-बिक्री और भंडारण पर प्रशासन का शिकंजा अब संभवतः कसा रहा है। कलेक्टर एस. जयवर्धन के सख्त निर्देशों पर राजस्व व खाद्य विभाग की संयुक्त टीमों ने दो बड़ी कार्रवाइयां कीं, जिसमें करीब 1000 बोरे से अधिक धान व चावल जब्त हो गए। ये छापेमारी न केवल छोटे व्यापारियों तक सीमित रही है । वहीं दूसरी तरफ जानकारी सार्वजनिक होने पर जनचर्चाओं में बड़े राइस मिलरों व सफेदपोशों की संलिप्तता की आशंका भी जगा रही है। क्या ये कार्रवाइयां सतही हैं या गहन जांच से बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होगा..? आने वाले दिनों की सक्रियता ही पूरी हकीकत बयां करेगी। बहरहाल पहली कार्रवाई में, तहसील रामानुजनगर के ग्राम कृष्णपुर में टीम ने एक पिकअप वाहन को दबोच लिया, जो बिना वैध दस्तावेजों के फोर्टिफाइड मिक्स्ड चावल का परिवहन कर रहा था। जांच के दौरान वाहन से 48 बोरे (लगभग 25 क्विंटल) चावल बरामद हुए। आवश्यक कागजात न दिखाने पर चावल के साथ ही वाहन को भी जब्त कर पुलिस थाना सूरजपुर को सौंप दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह पीडीएस चावल का अवैध परिवहन था, जो गरीबों के हक पर डाका डालने जैसा है।दूसरी कार्यवाही में, उसी तहसील के ग्राम कैलाशपुर के किराना व्यापारी कन्हैया लाल साहू के गोदाम पर छापा मारा गया। वहां 960 बोरे धान के साथ 17 बोरे पीडीएस का अवैध चावल भंडारित मिला। मंडी अधिनियम के तहत तत्काल जब्ती की गई और आगे की विधिक कार्रवाई शुरू हो चुकी है। जांच में तहसीलदार एम.एस. राठिया, नायब तहसीलदार सरिता राजवाड़े, कृषि विस्तार अधिकारी विनीत कुमार पाण्डेय समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट कहा गया है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने के बाद अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए सतत निगरानी बरती जा रही है। जिला स्तर पर गठित विशेष टीमों को निर्देश हैं कि खाद्यान्न के अवैध परिवहन, भंडारण व बिक्री पर कोई ढील न बरती जाए। इन कार्रवाइयों से स्थानीय स्तर पर चर्चा छिड़ गई है—कई लोग इसे सराहनीय बता रहे हैं, तो कुछ सवाल उठा रहे हैं कि क्या बड़े व्यापारी व राइस मिलर्स की भूमिका भी जल्द उजागर होगी..?बहरहाल, ये घटनाएं पीडीएस व्यवस्था की कमियों को उजागर करती हैं, जहां लंबे समय से भ्रष्टाचार की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं। प्रशासन यदि निष्पक्ष व लगातार सक्रिय रहा, तो निश्चित रूप से गरीबों के राशन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। जिले में आगे की कार्रवाइयों पर सबकी नजरें टिकी हैं।