अम्बिकापुर में फर्जी बिल घोटाला: भारत ट्रैवल्स के नाम पर लाखों की लूट, पत्रकार की शिकायत पर FIR की मांग

अम्बिकापुर में फर्जी बिल घोटाला: भारत ट्रैवल्स के नाम पर लाखों की लूट, पत्रकार की शिकायत पर FIR की मांग
अम्बिकापुर में फर्जी बिल घोटाला: भारत ट्रैवल्स के नाम पर लाखों की लूट, पत्रकार की शिकायत पर FIR की मांग

अम्बिकापुर। जिला आयुर्वेद विभाग में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बंद हो चुकी "भारत ट्रैवल्स" एजेंसी के नाम पर नकली बिलों के जरिए लाखों रुपये की सरकारी राशि का गबन किया गया। पत्रकार सूर्य नारायण ने 18 जुलाई 2025 को कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कर इस घोटाले की परतें खोलीं और दोषियों के खिलाफ FIR, गिरफ्तारी व आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से जांच की मांग की है।

फर्जी बिल, नकली गाड़ियां, सरकारी खजाने को चपत

RTI से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर पत्रकार ने खुलासा किया कि भारत ट्रैवल्स का गुमास्ता पंजीयन 1 जनवरी 2022 को खत्म हो चुका था, फिर भी 2022-23 और 2023-24 में इसके नाम पर 50 से अधिक फर्जी बिल लगाकर लाखों रुपये निकाले गए। बिलों में काल्पनिक तारीखों और वाहन नंबरों का जिक्र है, जैसे:

- 3-5 अगस्त 2022: बिल नं. 169, वाहन CG-10-8G-5446, करीब ₹15,250

- 21 सितंबर 2022: बिल नं. 193, वाहन CG-15-DP-6456, करीब ₹6,511

- 3-4 मार्च 2024: बिल नं. 01/MAR-24, वाहन CG-15-DV-6838, करीब ₹14,946

- 10 फरवरी 2024: बिल नं. 016/FEB-24, करीब₹5,020

एजेंसी के संचालक अब्दुल रब ने विडियो में स्वयं स्पष्ट किया कि उन्होंने उक्त अवधि में कोई वाहन सेवा नहीं दी। यह साफ करता है कि फर्जी बिलों के जरिए शासकीय धन की बंदरबांट हुई।

विभागीय मिलीभगत का आरोप, EOW जांच की मांग

शिकायतकर्ता का कहना है कि यह घोटाला विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों और बाहरी दलालों की मिलीभगत से हुआ। पत्रकार ने इसे पूर्वनियोजित आपराधिक षड्यंत्र करार देते हुए BNS की धारा 316(2)(A), 318(2) (कूटरचना), 322, 326, 330 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की। साथ ही, दोषियों की गिरफ्तारी, संपत्ति कुर्की और EOW से निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई।

 RTI ने खोली पोल, पत्रकार बोले- खुलासे जारी रहेंगे

पत्रकार सूर्य नारायण ने बताया कि RTI के जरिए सैकड़ों पन्नों के दस्तावेज जुटाकर इस घोटाले को उजागर किया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि आयुर्वेद विभाग में और भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आएंगे, जिनका खुलासा वे करेंगे।

जिम्मेदार मौन, सवाल बरकरार

जिला आयुर्वेद अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। सवाल उठ रहे हैं:

- बंद एजेंसी को भुगतान कैसे हुआ?

- चेक/ऑनलाइन भुगतान किन खातों में गए?

- क्या यह वर्षों से चल रहा संगठित घोटाला है?

 पुलिस और प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद

यदि पुलिस और जिला प्रशासन समय पर कार्रवाई करता है, तो न केवल दोषी सलाखों के पीछे होंगे, बल्कि सरकारी धन की लूट पर भी लगाम लगेगी। यह मामला अंबिकापुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी जंग का आगाज बन सकता है।