करंट ने छीनी दो जिंदगियां: केवरा में दर्दनाक हादसा, मकान मालिक जिंदगी-मौत से जूझ रहा, बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल
सूरजपुर/भैयाथान। जिले के झिलमिली थाना क्षेत्र के ग्राम केवरा में शुक्रवार दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। मकान निर्माण के दौरान पुराने बिजली पोल को हटाते समय करंट की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मकान मालिक गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी के लिए जंग लड़ रहा है। बिजली विभाग की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने इस त्रासदी को जन्म दिया, जिसने दो परिवारों को बिखेर दिया। वहीं दूसरी तरफ हादसे ने ग्रामीणों में बिजली विभाग के खिलाफ गुस्सा भड़का दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर सुरक्षा मानकों की अनदेखी क्यों की गई..? ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
हादसे की दर्दनाक कहानी
विपिन चंद जायसवाल के घर पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान पुराने बिजली पोल को जीआई तार से बांधकर हटाया जा रहा था। इसी बीच पास के खंभे से जुड़ी सर्विस लाइन का तार जीआई तार से टकरा गया। देखते ही देखते करंट ने तीन लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। यह लापरवाही भरा हादसा उस वक्त हुआ, जब बिजली विभाग ने पुराने पोल को समय पर नहीं हटाया और न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए।
दो मजदूरों की मौत, मकान मालिक की हालत नाजुक
हादसे में मजदूर राम प्रसाद विश्वकर्मा और कल्लू की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। मकान मालिक विपिन चंद जायसवाल गंभीर रूप से झुलस गए और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। तीनों को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। विपिन का इलाज जारी है, लेकिन उनकी हालत चिंताजनक है।
परिजनों का मातम, गांव में सन्नाटा
हादसे की खबर फैलते ही मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिवारों का दर्द देख गांव में मातम पसर गया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बिजली विभाग ने समय पर कार्रवाई की होती, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
बिजली विभाग की लापरवाही बनी काल
डीआरएसएस योजना के तहत जिले में पुराने बिजली पोल और तारों को हटाकर केबलिंग का काम चल रहा है। लेकिन केवरा में पुराने पोल को अधूरा छोड़ दिया गया, जिसकी कीमत दो मजदूरों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने और समय पर पोल न हटाने की लापरवाही ने इस हादसे को न्योता दिया। हादसे के बाद बिजली विभाग ने घटनास्थल की बिजली आपूर्ति बंद कर दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सुरक्षा की अनदेखी: कब तक चुकानी पड़ेगी जान की कीमत..?
यह हादसा बिजली विभाग की घोर लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा है। प्रशासन और बिजली विभाग को तत्काल कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां रोकी जा सकें। मृतकों के परिवारों को न्याय और घायल को बेहतर इलाज की जरूरत है, ताकि इस दुख की घड़ी में उन्हें कुछ राहत मिल सके।