मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से बुजुर्गों को मिला जीवन की सबसे खास यात्रा का मौका भावुक हुए श्रद्धालु बोले – "हमारे जैसे बुजुर्गों का सपना पूरा हुआ, मुख्यमंत्री बने श्रवण कुमार"
पुरी, भुवनेश्वर और कोणार्क के लिए रवाना हुए श्रद्धालुओं ने कहा – हमने कभी सोचा नहीं था कि जीवन में यह दिन भी देखेंगे
बिलासपुर 25 अप्रैल 2025।वो आंखें जो समय के साथ धुंधली हो चली थीं, अब उनमें एक नई चमक थी। चेहरों पर हल्की झुर्रियाँ थीं, लेकिन मुस्कान में वो ताजगी थी जो बरसों पहले छूट गई थी। कोई लाठी के सहारे आया, कोई बेटे-बेटियों के सहारे। लेकिन आज हर बुजुर्ग का मन बच्चा हो गया था।यह दृश्य था बिलासपुर रेलवे स्टेशन का, जहां 775 बुजुर्ग श्रद्धालु मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन से पुरी, भुवनेश्वर और कोणार्क के लिए रवाना हुए। आपकों बताते चलें कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी सोच और विशेष पहल का असर अब धरातल पर नजर आने लगा है। पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद बहुप्रतीक्षित मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना एक बार फिर शुरू हो गई है। कुलमिलाकर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना ने यह साबित कर दिया है कि जब शासन में संवेदना हो, तो योजनाएं केवल सरकारी कागज़ नहीं रहतीं – वे किसी के जीवन का सबसे खूबसूरत पल बन जाती हैं।
योजना नहीं, एक भावनात्मक सफर
यह योजना केवल एक सरकारी प्रयास नहीं है, यह संवेदना का विस्तार है – एक पीढ़ी के उन सपनों की पूर्ति, जो जीवन की व्यस्तता, जिम्मेदारियों और आर्थिक अभावों के बीच कहीं खो गए थे।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस योजना को पुनः प्रारंभ कर न केवल बुजुर्गों की धार्मिक आस्था का सम्मान किया, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में ससम्मान शामिल भी किया।
श्रद्धालुओं ने कहा – यह तीर्थ यात्रा नहीं, जीवन की सबसे बड़ी सौगात है
65 वर्षीय श्रीमती अम्बे सिंह ने भावुक होते हुए कहा –
“हमने अपने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया, घर संभाला, पर खुद के सपने पीछे रह गए। आज मुख्यमंत्री जी ने हमारे लिए वो कर दिखाया, जो अपने बच्चे भी नहीं कर पाते।”
पंडित ईश्वर पाठक, जिन्होंने वर्षों से गीता पाठ करते हुए भगवान के दर्शन की मनोकामना की थी, बोले –
“पैसों की कमी ने कभी मन को रोका, कभी शरीर ने। पर आज लग रहा है कि ईश्वर ने मुख्यमंत्री के रूप में किसी देवदूत को भेजा है।”
बुजुर्गों का स्नेह और आशीर्वाद ही योजना की सफलता है
स्टेशन पर जब बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक और बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन रवाना की, तो कई बुजुर्गों ने उनकी ओर हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया।
विधायक कौशिक ने कहा –
“यह योजना सिर्फ एक तीर्थ यात्रा नहीं, ये पीढ़ियों के बीच पुल है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज के श्रवण कुमार हैं, जो हर बुजुर्ग की पीड़ा को अपनी समझ रहे हैं।”
सभी सुविधाएं, सम्मान के साथ
राज्य शासन ने बुजुर्ग यात्रियों के लिए भोजन, आवास, स्वास्थ्य सेवा, मेडिकल सहायता और देखरेख की पुख्ता व्यवस्था की है। कोई भी यात्री अकेला नहीं है – हर डिब्बे में देखभाल के लिए कर्मचारी हैं, मेडिकल स्टाफ है और हर मुस्कान के पीछे सरकार की नीयत है।
एक नई शुरुआत, समाज को एक संदेश
यह योजना सिर्फ बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा नहीं है, यह समाज को यह याद दिलाने का माध्यम है कि हमारी असली पूंजी – हमारे बुजुर्ग हैं। उनके सपनों को साकार कर हम न केवल उनका सम्मान कर रहे हैं, बल्कि अपनी जड़ों से भी जुड़ रहे हैं।